नहीं बदल रही सहरसा पूर्णिया की लाइफ लाइन एन.एच. 107 की सूरत, अनगिनत बड़े और खतरनाक गड्ढे दे रहे हादसों को आमंत्रण
बारिश और सड़कों के किनारे लोगों द्वारा घरों को ऊंचा कर सड़कों पर पानी बाहर निकाला जा रहा है. नाले की समुचित व्यवस्था नहीं है जिसके कारण सड़क पर बड़े - बड़े गड्ढे बन जाते हैं. पानी भरने के कारण ये गड्ढे साल दर साल बढ़ने लगते हैं. एन.एच. के अधिकारियों द्वारा मरम्मत के नाम पर इन गड्ढों में कभी डस्ट भर दी जाती है, लेकिन यह स्थायी समाधान नहीं हुआ. इन सड़कों से सभी विभागों के आला अधिकारी गुजरते हैं लेकिन शायद शहर की यह बड़ी समस्या दिखती नहीं या फिर जान-बूझकर इसे नजर अंदाज करते हैं.
सड़क में दो से तीन फीट तक गड्ढे बने हुए हैं जिनमें बरसात का पानी भरने से सड़क का कोई अता पता नहीं चल पाता है. सड़क खराब होने के कारण हमेशा दुर्घटना की संभावना बनी रहती है लेकिन फिर भी जर्जर सड़क की तस्वीर नहीं बदल रही है. सड़क पर बने अनगिनत बड़े गड्ढे को देखकर यह पता नहीं चलता है कि सड़क में गड्ढे हैं या गड्ढे में सड़क. सड़क पर वाहन दौड़ते नहीं हैं बल्कि रेंगते हैं.
बलुआहा पुल के बाद गड्ढे इतने अधिक हैं कि वाहन चालक एक गड्ढे से अपने वाहन को बचाता है तो दूसरे गड्ढे में जाने को तैयार रखता है. वाहन चलाने के दौरान ध्यान यह रखा जाता है कि वाहन बड़े गड्ढे में नहीं जाए. सड़क से छोटी वाहनों का गुजरना तो काफी मुश्किल हो गया है. वहीं बड़े वाहनों के फंस जाने एवं पलट जाने की भी डर सताता रहता है. इस पथ पर रोजाना सैकड़ों में चलने वाली छोटी-बड़ी वाहनों को गड्ढों में बहुत सावधानी पूर्वक पार करना पड़ता है. बाइक एवं ऑटो तो इन गड्ढों में फंसकर अक्सर पलटी मारकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाती है. इस समस्या से प्रशासन भी बेखबर नहीं है लेकिन समस्या के समाधान की ओर अनदेखी की चादर ओढ़े हुए हैं.
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