महंगाई डायन खाए जात है: पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने से हरी सब्जियां हुई महंगी

आसमान छूती महंगाई से आम लोगों की जेब पहले से ढीली थी वहीं अब पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमत आम आदमी की जेब पर डाका डाल रही है. एक तो लॉकडाउन से लोगों का ऐसे भी बुरा हाल है उस पर तेल के दामों में बढ़ोतरी से लोगों का जीना मुहाल सा हो गया है. पेट्रोल डीजल के दाम आसमान को छू रहे हैं. मधेपुरा में पेट्रोल कब का शतक पार कर चुका है. जबकि डीजल शतक से महज 5 रूपए दूर है. बुधवार को पेट्रोल का रेट 101 रुपये और डीजल 94 रुपये 84 पैसे रुपए तक पहुंच गया. पेट्रोल का रेट अब तक में सबसे ज्यादा है. इसी तरह डीजल का भाव भी शतक से महज कुछ ही दूर है. 

वैसे तो तेल का रेट बढ़ने से हर तबके पर असर पड़ रहा है. खासकर मध्यमवर्गीय परिवार पर अच्छा खासा असर पड़ रहा है. पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ने की वजह से जहां निजी बसों का किराया बढ़ गया है. वहीं सब्जियों और अन्य चीजें भी महंगी हो गई है. डेढ़ माह में 28 बार बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम. विगत डेढ़ माह में पेट्रोल की कीमत में नौ रुपये की बढ़ोतरी हुई. इसी तरह डीजल की कीमत में पिछले डेढ़ माह में करीब नौ से अधिक हो गया है. पिछले मई माह में 16 बार पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं. जबकि जून के महीने में अब तक 12 बार दामों में इजाफा हो चुका है. सोमवार को भी पेट्रोल डीजल के दाम बढ़े हैं. मधेपुरा में पिछले माह एक मई को पेट्रोल 93.96 रुपये और डीजल 87.10 रुपए प्रति लीटर था. वहीं 31 मई को पेट्रोल का रेट मधेपुरा में 97 रूपया 83 पैसे और डीजल 91रुपया 76 पैसे था. जबकि इसी माह 1 जून को पेट्रोल 98 रुपये 8 पैसे और डीजल 91 रुपये 99 पैसे प्रति लीटर तथा 25 जून यानी शुक्रवार को बढ़ कर पेट्रोल का दाम 101 रुपये 10 पैसा और डीजल का 94 रूपया 84 पैसे प्रति लीटर पहुंच गया.

डीजल के दाम बढ़ने से महंगी हुई खेती. तेल के दामों में बढ़ोतरी होने से किसानों की मुश्किल बढ़ गई है. अभी खरीद का सीजन है यहां खरीफ के सीजन की खेती बहुत ज्यादा होती है. अधिकांश किसान अभी भी बारिश पर आश्रित होकर खेती करते हैं. उनके लिए जरूरी होता है कि समय से सब कुछ करें तभी वह खेती कर पाएंगे. ऐसे में डीजल के बढ़े हुए दामों ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है क्योंकि पेट्रोल डीजल के महंगा होने से मशीनों का किराया भी बढ़ चुका है. खेतों की जुताई की बात हो या खाद की धुलाई की बात हो सब कुछ महंगा हो चुका है. ऐसे में किसान चिंतित हैं कि इतनी महंगी खेती कैसे करेंगे. पहले ही कोरोना काल की वजह से किसान आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. 

वहीं किसान बताते हैं कि डीजल के दाम बढ़ने से खेती की लागत बढ़ेगी. इसके अलावे खाद बीज के दामों पर असर पड़ेगा. कुल मिलाकर किसानों के लिए यह बोझ उठाना मुश्किल है.

पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने से सब्जियों के दाम ने छुए आसमान

लगातार बढ़ रही पेट्रोल और डीजल की कीमतों का असर अब रोजाना इस्तेमाल होने वाली चीजों पर पड़ने लगा है. हरी सब्जियों के दाम में 15 से 20 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी की गई है. मंडी के कारोबारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सब्जियों के दाम और बढ़ेंगे. मंडियों में 25 रुपये में बिकने वाला प्याज अब 40 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. यही हाल मटर, टमाटर की भी है. मटर की कीमत पहले 60 से 70 प्रति किलो थी लेकिन अब 80 से 90 प्रति किलो हो गई है. हालांकि आलू अभी भी 20 रुपये किलो के हिसाब से बिक रहा है.

अप्रैल-मई 2021 के बीच किन किन चीजों के दाम बढ़े

आलू 18 से 20 रुपये प्रति किलो

प्याज 35 से 40 रुपये प्रति किलो 

टमाटर 50 से 60 प्रति किलो

खीरा 35 से 40 प्रति किलो

भिंडी 35 से 40 रुपये प्रति किलो

परबल 40 से 60 रुपये प्रति किलो 

बैगन 40 से 50 रुपये प्रति किलो

करेला 30 से 40 रुपये प्रति किलो 

फूलगोभी 80 से 95 रुपये प्रति किलो 

लौकी 35 से 40 रुपए 

बोरा 40 से 50 रुपये प्रति किलो

तेल 175 से 180 रुपये प्रति किलो

(नि. सं.)

महंगाई डायन खाए जात है: पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने से हरी सब्जियां हुई महंगी महंगाई डायन खाए जात है: पेट्रोल व डीजल के दाम बढ़ने से हरी सब्जियां हुई महंगी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 03, 2021 Rating: 5

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