क्वारंटाइन सेंटर में नाश्ते एवं शुद्ध पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था नहीं

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज चंद्रमणि कन्या मध्य विद्यालय एवं सोनी मध्य विद्यालय में बिजली नहीं रहने से अंधेरे में खाने एवं रहने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर. 


मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड नंबर 7 आपदा प्रबंधन के तहत कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए आपदा विभाग की ओर से कम्युनिटी क्वारंटाइन केंद्र बनाया गया है. इन सभी केंद्रों पर रह रहे व्यक्तियों की समुचित देखभाल की व्यवस्था एवं गुणवत्ता युक्त भोजन की सुविधा सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई गई है लेकिन हकीकत की धरातल पर ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. प्रवासी मजदूर अंकेश कुमार ने बताया कि सुबह के नाश्ते में प्रतिदिन वही मूढी, चने की घुघनी नाम मात्र को दी जाती है जैसे ऊंट के मुंह में जीरे के फोरन के बराबर.

सफाई के विषय में एवं शौचालय सफाई सैनिटाइजिंग के विषय में मजदूरों ने बताया कि यहां प्रतिदिन ना तो सैनिटाइजिंग की व्यवस्था की जा रही है, ना ही शौचालय की सफाई की जाती है बल्कि 2 दिन के बाद 1 दिन आकर सिर्फ झाड़ू लगाकर खानापूर्ति की जाती है. सैनिटाइजिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण नहीं के बराबर किया जाता है. इस विद्यालय में कुल 115 मजदूरों को क्वारंटाइन किया गया है.

क्वारंटाइन सेंटर में जगह के हिसाब से लोगों को रखा जाता है. अगर काफी जगह है तो एक कमरे में एक व्यक्ति और अगर कम जगह है तो एक कमरे में दो से तीन लोगों को रखा जाता है. इसमें एक-दूसरे से बेड की दूरी दो मीटर होती है लेकिन यहां ऐसा देखने को कुछ नहीं मिला. 10×14 फीट के कमरे में आठ व्यक्तियों को रखा गया था.

वहीं हरियाणा के हिसार से लौटे धीरेन ऋषिदेव ने बताया कि यहां सिर्फ एक समय वह भी छोटे से गिलास में थोड़ा सा दूध दिया जाता है जबकि आपदा विभाग के नियमों के अनुसार दोनों ही समय दूध उपलब्ध करवाना है.

प्रवासी मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटर में जानकारी देते हुए बताया कि सबसे बड़ी समस्या यहां प्रकाश की है. पिछले कई रातों से रात के अंधेरे में ही खाना खाना पड़ता है. या तो मोबाइल की रोशनी जलाकर खाना खाते हैं. जब लाइट नहीं रहती तो वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर जनरेटर की सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई गई है. 

आपदा विभाग के नियमानुसार प्रतिदिन धुली हुई चादर प्रतिदिन बदला जाता है और इस चादर का दोबारा उपयोग नहीं किया जाता है. 

वहीं मजदूर अंकेश कुमार ने बताया कि खाने में सिर्फ चावल दाल और नाम मात्र की हरी सब्जी डाली जाती है जबकि बगल के कुमारखण्ड में प्रखंड विकास पदाधिकारी के दिशा निर्देश पर पापड़ एवं सलाद उपलब्ध करवाई जाती है. दो मिठाई देने की व्यवस्था की गई है लेकिन मुरलीगंज प्रखंड के अंतर्गत ऐसा कुछ नहीं किया जा रहा है. बिहार सरकार आपदा विभाग के दिशा निर्देशों के आलोक में अवस्थित लोगों को नहाने, कपड़ा धोने के लिए एक-एक साबुन शैंपू का पाउच, केश तेल, कंघी, छोटा ऐनक, टूथपेस्ट एवं टूथब्रश उपलब्ध करवाया जाना है. 

वहीं एलपीएम कॉलेज काशीपुर मुरलीगंज में रह रहे 84 प्रवासी मजदूरों ने बताया कि यहां का पानी बिल्कुल ही पीने के लायक नहीं है. पानी में बदबू के साथ-साथ बालू भी आ रहा है. खाने के विषय में जानकारी देते हुए बताया कि वही घिसा पिटा सुबह का नाश्ता मुढी और थोड़ी सी घुघनी डाल दी जाती है जो हम मजदूरों के लिए उस पर 2:00 बजे दिन तक टिके रहना बड़ी मुश्किल है. एलपीएम कॉलेज में एक कमरे में रह रहे हैं 10 से 12 मजदूर और उन्होंने बताया कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हो पा रहा, ना ही प्रतिदिन सफाई की जा रही है. सैनिटाइजिंग एवं स्वास्थ्य परीक्षण पिछले 2 दिनों से बिल्कुल ही नहीं हुआ है. सप्ताह के सात दिन अलग-अलग मेन्यू होता है. शाकाहारी खाना दिया जाता है. बिहार सरकार आपदा विभाग के दिशा निर्देश के अनुरूप एलपीएम कॉलेज में कुछ भी उपलब्ध नहीं है. प्रकाश के लिए रात में जनरेटर शोभा की वस्तु बनी रहती है उसे चलाया नहीं जाता है. रात में 11:00 बजे 10 से 15 मिनट के लिए चलाया जाता है पुनः बंद कर दिया जाता है. क्वारंटाइन केंद्र में रहने के लिए दिए जा रहे किट के विषय में बताया कि उसमें न तो चादर है सिर्फ दरी दी गई है. रौशनी की व्यवस्था न रहने तथा सफाई न होने की शिकायत पड़वा नवटोल के स्कूल में बने क्वारंटाइन सेंटर से भी मिली है.

आदर्श मध्य विद्यालय में गुजरात एवं हरियाणा के हिसार से आए प्रवासी मजदूरों ने जानकारी देते हुए बताया कि खाने में सबसे घटिया सामानों की आपूर्ति की जा रही है. कभी दाल खत्म हो जाता तो कभी चावल खत्म हो जाता तो कभी सिर्फ सब्जी से ही काम चलाना पड़ता है. सामने बैठकर खाना खा रहे हैं मजदूर ने बताया कि यह देखिए सब्जी और भात खा रहे हैं.

वहीं उक्त मामले में मुरलीगंज अंचलाधिकारी शशिभूषण कुमार ने कहा कि सभी जगह प्रकाश की व्यवस्था सुनिश्चित करवाई जा रही है. साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए भी व्यवस्था उपलब्ध करवा दी गई है. एलपीएम कॉलेज के प्रकाश के विषय पर उन्होंने कहा कि जनरेटर चलाने के लिए आदेश दे दिया गया है. मामले की जांच की जा रही है. खाने पीने के लिए हर चीज उपलब्ध करवाई जा रही है लेकिन कुछ रसोइयों द्वारा गड़बड़ी किए जाने की बात सामने आई है, जांच की जा रही है.
क्वारंटाइन सेंटर में नाश्ते एवं शुद्ध पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था नहीं क्वारंटाइन सेंटर में नाश्ते एवं शुद्ध पेयजल और प्रकाश की व्यवस्था नहीं Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on May 18, 2020 Rating: 5

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