मधेपुरा में धूमधाम से मनाई गई बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती

रविवार 14 अप्रैल, 2019 को राजकीय अम्बेडकर कल्याण छात्रावास टी.पी.कालेज मधेपुरा  में डॉ भीमराव अम्बेडकर की 128 वीं जयंती बड़े स्तर पर मनाई गई, जिसमें बड़ी संख्या में छात्र शामिल हुए। 


कार्यक्रम का आयोजन छात्रनायक राजहंस राज उर्फ़ मुन्ना एवं सभी छात्रों ने मिलकर  किया। 
डॉ भीमराव अम्बेडकर की 128 वीं जयंती कार्यक्रम का उद्घाटनकर्ता मेरठ युनिवर्सिटी के कला के प्रोफेसर डा लाल रत्नाकर थे। स्वागताध्यक्ष प्रभात रंजन थे जिन्होंने मंच संचालन भी किया और अध्यक्षता सीनेट सिंडिकेट सदस्य प्रो जवाहर पासवान ने किया।
डॉ भीमराव अम्बेडकर की 128 वीं जयंती के मुख्य अतिथि महाराष्ट्र की प्रो सुशीला ताई मोराले व दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ सूरज मंडल थे। विशिष्ट अतिथि चंद्रशेखर कुमार व रणधीर राणा थे। मुख्य वक्ताओं में हरेराम भगत, सुमन सौरभ, सुमन यादव, डॉ धर्मवीर, मनोज कुमार, अंकेश राणा, राजेश कुमार आदि शामिल थे। 

सभी वकताओं ने देश, दलित और शोषित समाज के प्रति डॉ भीमराव अम्बेडकर के विशेष योगदान को याद करते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।  कार्यक्रम में शामिल महानुभावों को सम्बोधित करते हुए अध्यक्ष प्रो जवाहर पासवान ने याद दिलाया की सामाजिक कार्यक्रम में चुनाव को देखते हुए और चुकी आदर्श अचार संहिता लागू है अतः सम्बोधन में कोई राजनैतिक बात न की जाय। 

अपने सम्बोधन में डॉ सूरज मंडल ने कहा कि संविधान खतरे में है और यह एक राजनैतिक मसला नहीं बल्कि शोषित पीड़ित समाज के हक़ और अस्तित्व का प्रश्न है। उन्होंने कहा प्रो जवाहर पासवान अचार संहिता की बात करके अच्छा किया लेकिन अभी मुख्यमंत्री नितीश कुमार मधेपुरा में हैं। इधर, कल रामनवमी के जुलुस के नाम पर 2 फ़ीट की नगीं तलवार, देशी कट्टा, भाला, तीर धनुष, धार्मिक उन्माद के वीभत्स नारे, 3 घण्टे मेन रोड पर जुलुस निकाला गया। मधेपुरा बाजार के प्रत्येक बिजली के पोल पर एक संगठन विशेष द्वारा प्रायोजित भगवा झंड लटका दिया है। प्रशासन, पुलिस, पर्यवेक्षक खामोश है। शहर में चर्चा क्या मधेपुरा में भयमुक्त और शांतिपूर्ण हो पायेगा? दरअसल यह प्रश्न संविधान के बचाने का है। वो संविधान जिसके निर्माता के रूप में श्रेय बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर को जाता है। उन्होंने कहा कि डॉ भीमराव अम्बेडकर जो 1951 में नेहरू जी के कैबिनेट से इस्तीफा दिए थे उसमें एक महत्वपूर्ण प्रश्न पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण का भी था। 

प्रो सुशीला मोराले ने कहा कि वे बाबासाहेब की धरती महाराष्ट्र से आतीं है और उन्हें ख़ुशी है कि मधेपुरा में सामाजिक न्याय की जड़ें इतनी मजबूत है। डॉ लाल रत्नाकर ने भी बाबासाहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर को युगपुरुष बताते हुए उनके पदचिन्हों पर चलने का आह्वान किया। चंद्रशेखर कुमार ने अपने सम्बोधन में संविधान के महत्व की चर्चा करते हुए इसपर अमल करने का युवाओं से अनुरोध किया। रणधीर राणा ने मधेपुरा में संविधान और आरक्षण बचाने की मुहीम में युवाओं को साथ देने पर उन्हें साधुवाद दिया। प्रभात रंजन और राजहंस राज उर्फ़ मुन्ना कुमार ने भी डॉ भीमराव अम्बेडकर के संघर्षमय जीवन पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम शामिल लोगों को सम्बोधित किया। 

आखिर में अध्यक्षीय भाषण करते हुए प्रो जवाहर पासवान ने युवाओं से आह्वान किया कि अगर अम्बेडकर के सपनों का भारत बनाना चाहते हैं तो आपको शिक्षित होना परेगा फिर संगठित होकर संघर्ष करना परेगा तभी  बाबा के सपनों का भारत होगा  । क्यों कि आप देख ही रहे हैं कि सरकार के सामने संविधान को जलाया जा रहा है और सरकार मौन है । कार्यक्रम में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद भी दिया।

कार्य क्रम में भाग लेने वाले, मनोज यादव, राजेश कुमार, संतोष, निशांत यादव ,हरेराम भगत ,रहुल  पासवान, गणेश कुमार गोले,संजीव कुमार, माधव कुमार, सुशीला कुमारी ,राजकुमार रंजक,रामचंद्र यादव, मोहन कुमार, विकास कुमार, मनोज कुमार, बिट्टू कुमार आदि उपस्थित थे ।
मधेपुरा में धूमधाम से मनाई गई बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मधेपुरा में धूमधाम से मनाई गई बाबा साहेब डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on April 15, 2019 Rating: 5

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