डीआईजी का दावा, 2018 में क्राइम कंट्रोल में अव्वल रहा मधेपुरा: पर दावा सच्चाई से दूर तो नहीं ?

वर्ष 2018 में मधेपुरा जिला क्राइम कंट्रोल, कांडो का उद्भेदन और अपराधियों की गिरफ्तारी में अव्वल रहा है यह कथन है, कोशी प्रक्षेत्र के डीआईजी सुरेश कुमार चौधरी का जो उन्होंने गुरूवार को एसपी कार्यालय में आयोजित लम्बित कांडो की समीक्षात्मक बैठक के पश्चात पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा.


उन्होंने मधेपुरा पुलिस की कार्यशैली और कर्तव्यनिष्ठा की तारीफ करते हुए कहा कि वर्ष 2018 में मधेपुरा पुलिस ने क्राइम कंट्रोल, कांडो का उद्भेदन, अपराधियों की गिरफ्तारी और विभिन्न कांडो के निष्पादन में काफी उपलब्धि हासिल की है.

उन्होंने कहा कि जनवरी से नवम्बर माह मे मधेपुरा पुलिस ने 6784 अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 2729 को जेल भेजा गया और शेष को थाना से मुक्त किया गया. जनवरी 18 से नवम्बर 18 तक 53 मामले का स्पीडी ट्रायल चलाकर 155 आरोपियों को सजा दिया गया है, जिसमें 19 व्यक्तियों को उम्र कैद की सजा हुई है. डीआईजी श्री चौधरी ने कहा कि लम्बित केस की संख्या में कमी आयी है. शुरुआती वर्ष में लम्बित केसों की संख्या 1696 थी जो घटककर 1411 हो गई है. उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास रहेगा कि यह आंकड़ा 1000 से भी नीचे हो.

और उन्होंने कहा कि जिले में मालखाना की स्थिति पूरे प्रदेश से अच्छी है. यहाँ एक-दो थाने को छोड़कर सभी सामान का प्रभार हो गया है. अगले माह तक कोई प्रभार पेडिंग नही रहेगा . जिले में गिरफ्तार चोरनी गिरोह के सदस्य के खिलाफ स्पीडी ट्रायल चलाकर सजा दिलाने के दिशा में कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है.

आगे उन्होंने कहा कि पुलिस की छवि को लेकर पुलिस और पब्लिक के बीच रिश्ते सुधारने की जरूरत है. इस दिशा मे सभी थानाध्यक्ष को निर्देश दिया गया है. और जिले के सभी थाना में सीसीटीवी कैमरा लगाने हेतु सर्वे का काम चल रहा है. उन्होंने नव वर्ष के आगमन पर जिलेवासियों को शुभकामनाएं देते हुए लोगों से पुलिस को सहयोग करने की अपील की. बैठक में एसपी संजय कुमार, एसडीपीओ वशी अहमद, रमहत अली आदि उपस्थित थे.

दावा सच्चाई से दूर तो नहीं ?

डीआईजी भले ही मधेपुरा पुलिस की तारीफ के पुल बाँध और क्राइम कंट्रोल सहित सभी मामले में क्लीनचीट दे लेकिन सच्चाई यह है कि जिले में घटना का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक के बाद एक घटित घटना से स्पष्ट होता है कि पुलिस का भय समाप्त हो गया है. वर्ष 2018 में जिले में घटित घटना और थाने में दर्ज मामले के अध्ययन से पता चलता है कि जिले में आपराधिक घटनाओं में अंकुश नहीं लगा है और अपराधी अधिक बेखौफ हुए हैं.

जिले में लूट, डाका,बाइक चोरी, राहजनी, एक हाई प्रोफाइल चोरी को छोड़कर कोई भी घटना का उद्भेदन अभी तक नहीं हुआ है. इस वर्ष बाइक चोरी, साइबर क्राइम की दर्जनों घटना हुई मगर एक भी मामले में पुलिस को सफलता नहीं मिली है.

जिला मुख्यालय के चर्चित बस लूट कांड, ट्रैक्टर अपहरण कांड, मिशन रोड में हत्या सहित दर्जन भर ऐसे कांड हैं जहाँ अपराधी तो दूर गिरोह का भी पता लगाने में पुलिस विफल रही है. जिले में अपराधियों ने एक के बाद एक हत्या, दिनदहाड़े चोरी की घटना को अंजाम देकर जिलेवासियों की नींद उड़ा दी है. 
डीआईजी का दावा, 2018 में क्राइम कंट्रोल में अव्वल रहा मधेपुरा: पर दावा सच्चाई से दूर तो नहीं ? डीआईजी  का दावा, 2018 में क्राइम कंट्रोल में अव्वल रहा मधेपुरा: पर दावा सच्चाई से दूर तो नहीं ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 27, 2018 Rating: 5

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