रेल इंजन कारखाना निर्माण में गतिरोध समाप्त: विकास की नई उंचाई छूने को इलाका तैयार

मधेपुरा में बहुप्रतीक्षित विद्युत् रेल इंजन कारखाना मामले में भले ही भारत सरकार का फ्रांस की कंपनी अलस्टॉम के साथ गत महीने करार (MoU) पर हस्ताक्षर हो चुके हों, पर भूमि अधिग्रहण को लेकर किसान और सरकार में तनातनी बनी हुई थी और किसान अपनी जमीन के बदले मुआवजा की राशि बढाने सहित अन्य मांगों को लेकर इस पूरी परियोजना के निर्माण में बाधा बने हुए थे.
    पर आर्बिट्रेटर’ (मध्यस्थ) के रूप में कोसी की कमिश्नर टी. एन. बिन्ध्येश्वरी ने मामला सुलझा लिया लगता है और सरकार तथा किसानों के बीच सहमति बन जाने के कारण अब निर्माण कार्य में गतिरोध समाप्त हो गया लगता है. किसानों की अधिकांश मांगों पर सहमति बन गई है और अब किसानों को पहले तय किये गए जमीन की दर 2400/- रूपये प्रति डिसमिल की जगह 9000/- रूपये प्रति डिसमिल देने को सरकार राजी हो गई है और सूचना के अनुसार किसान भी इस पर राजी हो गए हैं, हालाँकि बाकी मांगों पर भी सरकार द्वारा सहानुभूतिपूर्वक विचार करने को कहा गया है.
    मधेपुरा के जिलाधिकारी मो० सोहैल से मिली जानकारी के अनुसार आर्बिट्रेटर के फैसले की जानकारी किसानों को मिल चुकी है जिसके अनुसार उन्हें उनकी जमीन के बदले 9000/- रूपये प्रति डिसमिल की दर से राशि दी जायेगी. उन्होंने बताया कि किसान भी आर्बिट्रेटर आयुक्त महोदया के द्वारा किसानों को सुनने के बाद किये गए फैसले पर किसान सहमत हो गए हैं. और इसी के साथ विद्युत् रेल इंजन कारखाना के निर्माण कार्य के अब जल्द प्रारंभ होने की सम्भावना तेज हो गई है.
       बता दें कि वर्ष 2007 में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने मधेपुरा में विद्युत रेल इंजन कारखाना हेतु 1100 एकड जमींन अधिगृहीत किया था, जिसमें दर्जनों किसानों ने पुराने सरकारी दर से अपनी मुआवजा प्राप्त कर लिया है. शेष बचे किसान अब नये सरकारी दर पर चार गुना मुआवजा की मांग पर अड़े हुए थे. हालाँकि अब सरकार को फिलहाल मात्र तीन सौ एकड़ जमीन की ही जरुरत है जिसमे कारखाना लगाया जाएगा. पाठकों को इस बात की जानकारी होगी कि मधेपुरा में विद्युत् रेल इंजन कारखाना की लागत 1860 करोड़ रूपये होगी और यह तीन साल में बनकर तैयार होगा.  भारत सरकार का इस रेल इंजन के लिए फ्रांस की कंपनी अल्स्टॉम से समझौता हुआ है और फैक्ट्री बनने के बाद यहाँ से अगले ग्यारह साल में 800 रेल इंजन बनने की योजना है और ये इंजन  देश में बनने वाले किसी भी रेलवे इंजन से शक्तिशाली होंगे जिसकी क्षमता 12000 हॉर्स पॉवर होगी.
          अब किसानों के साथ गतिरोध समाप्त होते ही रेल इंजन फैक्ट्री का निर्माण कार्य जल्द प्रारम्भ हो सकता है और आने वाले वर्षों में अचानक ही इलाके के लोग कई मामलों में क्षेत्र का ऐसा विकास देख सकते हैं, जिनकी कल्पना भी शायद ही उन्होंने की होगी.
(रिपोर्ट: शंकर सुमन)
रेल इंजन कारखाना निर्माण में गतिरोध समाप्त: विकास की नई उंचाई छूने को इलाका तैयार रेल इंजन कारखाना निर्माण में गतिरोध समाप्त: विकास की नई उंचाई छूने को इलाका तैयार Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 21, 2015 Rating: 5

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