कहते हैं यदि एक महिला साक्षर है तो वह पूरे घर को
साक्षर बना देती है. पर यहाँ तो मानों महिलाओं ने पूरे समाज को ही साक्षर बनाने और
स्वरोजगार पर आधारित विभिन्न कलाओं में माहिर बनाने का बीड़ा उठा लिया है.
मधेपुरा में महिला सशक्तिकरण का
नमूना पेश करते हुए जिला मुख्यालय की करीब आधा दर्जन महिलाओं ने पूरे जिले की
महिलाओं को अपने पैरों पर खड़े करने की एक सार्थक पहल शुरू कर दी है.
मधेपुरा
जिला मुख्यालय के जयपालपट्टी में शुरू किये गए ‘प्रगति नारी विकास केन्द्र’ में इन दिनों महिलाओं की खासी भीड़ उमड़ने लगी है. यहाँ
महिलाओं को न सिर्फ सिलाई-कढाई, पेंटिंग तथा ब्यूटीशियन का कोर्स नि:शुल्क तो
कराया ही जा रहा है, साथ-साथ यहाँ इलाके की निरक्षर महिलाओं को भी साक्षर बनाये जा
रहे हैं.
अभियान
सफल भी हो रहा है तो शायद इसकी वजह है कि इस अभियान को गति देने के लिए मधेपुरा की
कई अपने-अपने क्षेत्र में अनुभवी महिलाओं ने इस काम को आगे बढाने का बीड़ा उठा लिया
है.
प्रगति
नारी विकास केन्द्र की अध्यक्षा एक बेहतरीन शिक्षिका उषा कुमारी हैं तो उपाध्यक्षा
के. बी. वीमेंस कॉलेज की प्राचार्या गीता रस्तोगी है. पूर्व महिला आयोग सदस्या इस
केन्द्र की सचिव के रूप में काम कर रही
हैं तो मीना देवी, किरण देवी और चंदा देवी भी साथ हैं. यहाँ कई विधाओं में
प्रशिक्षण देने के लिए ट्रेनर के रूप में सकीना खातून जैसी लंबा अनुभव रखने वाली
जी-तोड़ मिहनत कर रही है.
नतीजा
बेहतर दिख रहा है. पूजा भारती, जागृति प्रिया,संगीता कुमारी, राधा देवी जैसी
प्रशिक्षण ले रही कई दर्जन महिलाओं का कहना है कि उन्होंने बड़े कम समय में ही कई
कलाओं में जानकारी हासिल कर ली है.
जाहिर
सी बात है, प्रयास यदि ईमानदार हो और रूपये कमाने की चाह न हो तो अभियान तो सफल
होना ही है.
सराहनीय कदम: महिलाओं की साक्षरता तथा स्वरोजगार के लिए शुरू किया नि:शुल्क प्रशिक्षण केन्द्र
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 05, 2015
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