ग्रामीणों ने घटिया सामग्री के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई. आरोप लगाया कि ठेकेदार खराब क्वालिटी का मटेरियल इस्तेमाल कर रहा है, जिससे भवन जल्द ही जर्जर हो सकता है. चौराहा निवासी वार्ड सदस्य संजय स्वर्णकार, पंच दीपो ऋषिदेव, पूर्व वार्ड सदस्य सुबोध ऋषिदेव, कमलेश्वरी ऋषिदेव, विकास कुमार, संतोष कुमार और मणिभूषण सिंह समेत कई ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया. बताया कि निर्माण में घटिया बालू, जंग लगे सरिए और लोकल कंपनी का सीमेंट इस्तेमाल हो रहा है. इससे दो-चार साल में ही भवन गिरने का खतरा रहेगा.
ग्रामीणों ने कई बार स्वास्थ्य विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जब ठेकेदार से मानक के अनुसार काम करने और प्राक्कलन राशि का बोर्ड लगाने को कहा गया तो उसने केस में फंसाने की धमकी दी. ग्रामीणों ने जिला पदाधिकारी से जांच कर एस्टीमेट के अनुसार निर्माण कराने की मांग की.
बताया जा रहा है कि प्री-फाइव भवन का निर्माण करीब 40 लाख रुपये की लागत से हो रहा है. ग्रामीणों ने विरोध जताकर जिला प्रशासन से शिकायत की, जिसके बाद निर्माण कार्य बंद करा दिया गया. वहीं सीएचसी प्रभारी डॉ. जीके दिनकर ने कहा कि ठेकेदार को सही तरीके से काम करने के लिए कहा गया है. यदि गड़बड़ी हो रही है तो जांच होगी. स्वास्थ्य विभाग के जेई रवि कुमार ने भी जांच कर कार्रवाई करने की बात कही.
इधर संवेदक सोनू कुमार ने कहा कि कार्य नियमानुसार हो रहा है. स्थानीय लोग गलत आरोप लगा रहे हैं. कार्य हमारे अनुसार किया जाएगा.
वहीं बीडीओ शंकरपुर तेज प्रताप त्यागी ने कहा कि "प्री-फाइव निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत मिली है, जांच कर कार्रवाई होगी."

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