मधेपुरा जिले के सुखासन चकला निवासी स्व. कैलाश प्रसाद सिंह की पुत्री रश्मि सिंह ने यह सफलता अपने पहले प्रयास में ही अर्जित की है, जबकि इस परीक्षा में अधिकतम तीन प्रयास की ही सीमा है. इस परीक्षा का महत्व अनुभव के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है.
दिल्ली में रहकर न्यायिक सेवा की तैयारी कर रही रश्मि सिंह की शैक्षणिक पृष्ठभूमि बेहद साधारण है, रश्मि ने मैट्रिक की परीक्षा जहाँ अनुग्रह नारायण हाई स्कूल सुखासन चकला से वर्ष 2002 में उत्तीर्ण की वहीँ इंटर की परीक्षा 2005 में BNMV कॉलेज साहुगढ़ तथा बी. कॉम भी BNMV कॉलेज साहुगढ़ से ही वर्ष 2009 में पास की. मधेपुरा के शिवनंदन प्रसाद मंडल लॉ कॉलेज से वर्ष 2016-2019 के बैच से LLB करने के बाद रश्मि अभी चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से L.LM. कर रही है.
सफलता के बारे में रश्मि सिंह का मानना है कि मधेपुरा के इलाके में रहकर भी आधार बनाया जा सकता है. अब छोटे इलाके में भी अधिकांश सुविधा उपलब्ध है. मेहनत, लगन और आत्मविश्वास से किसी भी क्षेत्र में सफलता पाई जा सकती है.
ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन के बारे में रश्मि मधेपुरा टाइम्स को जानकारी देते हुए कहती है कि वैसे तो ये परीक्षा साल में दो बार आयोजित होनी है पर इस बार 2021 के बाद 2023 की फरवरी में ये परीक्षा आयोजित हुई थी. इस परीक्षा की सबसे ख़ास बात यह है कि तीन घंटे की इस परीक्षा में लॉ के 19 विषयों से प्रश्न पूछे जाते हैं.
अपने लक्ष्य के बारे रश्मि सिंह बताती है न्यायिक सेवा में सफलता प्राप्त करने के बाद वो देश की न्याय व्यवस्था का हिस्सा बन कर समाज सेवा करना चाहती हैं.
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