आयोजन व तथ्यों में विरोधाभास
कॉलेजों की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते राठौर ने कहा कि जब टी.पी. कॉलेज में सात अगस्त को जयंती के दिन ही कीर्ति बाबू की प्रतिमा का अनावरण व भव्य कार्यक्रम आयोजित हुआ और कॉलेज द्वारा प्रकाशित कीर्ति बाबू के व्यक्तित्व में जन्मदिवस सात अगस्त बताया. वहीं दूसरी ओर पार्वती साइंस कॉलेजों ने मार्च 2013 में प्रकाशित स्मारिका व स्वर्ण जयंती दशक प्रवेशांक में कई स्थानों पर साफ साफ सात अगस्त को जयंती दर्शाया है. फिर किन हालातों में अठारह मार्च को जयंती कार्यक्रम आयोजित किए गए. संत अवध कॉलेज में कीर्ति बाबू की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे बीएनएमयू कुलपति के आलेख का भी हवाला देते राठौर ने कहा कि उन्होंने भी कीर्ति बाबू की जयंती सात अगस्त ही दर्शाया है.
वहीं राठौर ने टी.पी. कॉलेज के विज्ञान परिसर में प्रतिमा स्थल के शिलापट्ट पर पुण्यतिथि और संत अवध में जयंती के गलत होने पर छोभ व्यक्त करते हुए कहा कि इसे अविलंब सुधार किया जाए. छात्र नेता राठौर ने मांग किया कि कीर्ति बाबू सरीखे महामना की जयंती और पुण्यतिथि पर विवाद किसी स्तर पर स्वीकार्य नहीं हो सकते.
एआईएसएफ की तीन सदस्यीय टीम जयंती और पुण्यतिथि की रिपोर्ट करेगी समर्पित
एआईएसएफ नेता राठौर ने बताया कि इस संबंध में संगठन द्वारा गठित तीन सदस्यीय टीम तहकीकात के आखिरी चरण में है. जल्द ही इससे जुड़े साक्ष्यों सहित रिपोर्ट विशेष कर कीर्ति बाबू की प्रतिमा स्थापित महाविद्यालय को समर्पित कर प्रमाणिक तारीख को मनाने की अपील करेगी.

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