क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरूण प्रकाश ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण का परामर्श देना है. इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जांच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है. उन्होंने बताया कि इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता है. जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी आती है और इससे होने वाली माता एवं शिशु मृत्यु दर में कमी आती है.
गर्भवती महिलाओं की हुई ये जांच :
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरूण प्रकाश ने बताया कि उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जाँच की गयी. उन्होंने बताया कि अत्यधिक स्त्राव से महिला की जान जाने का खतरा सबसे अधिक होता है. प्रसव पूर्व जांच में यदि खून 7 ग्राम से कम पाया जाता है तब ऐसी महिलाओं को आयरन की गोली के साथ पोषक पदार्थों के सेवन के विषय में सलाह भी दी जाती है. गर्भावस्था के दौरान उच्च रक्तचाप, मधुमेह, अत्यधिक या कम वजन एवं अत्यधिक खून की कमी प्रसव संबंधित जटिलता को बढ़ा सकता है. इस दिशा में यह योजना महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है और मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी अंकुश लग रहा है.
सुरक्षित प्रसव के लिए आशा का भी योगदान जरूरी है:
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक अरूण प्रकाश ने बताया कि प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास में काफी सफलता मिली है. स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता के साथ अभियान को सफल बनाने में आशाओं की भूमिका भी सराहनीय है. आशाएं सामुदायिक स्तर पर उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं की पहचान कर उन्हें प्रत्येक महीने की नौवीं तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ रेफरल अस्पतालों पर प्रसव पूर्व जांच के लिए ससमय संदर्भित करती हैं एवं खुद भी उपस्थित होती है.
गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट कराना जरूरी:
•ब्लड टेस्ट
•यूरिन टेस्ट
•ब्लड प्रेशर
•हीमोग्लोबीन
•अल्ट्रासाउंड
उच्च जोख़िम गर्भधारण के कारण:
• गर्भावस्था में 7 ग्राम से खून का कम होना
• गर्भावस्था में मधुमेह का होना
• एचआईवी पॉजिटिव होना(एडस पीड़ित)
• अत्यधिक वजन का कम या अधिक होना
• पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना
• उच्च रक्तचाप की शिकायत होना
उच्च जोख़िम गर्भधारण के लक्षण :
• पूर्व की गर्भावस्थाओं या प्रसव का इतिहास
• दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो
• बच्चा पेट में मर गया हो या मृत पैदा हुआ हो
• कोई विकृत वाला बच्चा पैदा हुआ हो
• प्रसव के दौरान या बाद में अधिक रक्त स्त्राव हुआ हो
• गर्भवती होने से पहले कोई बीमारी हो
• उच्च रक्तचाप
• दिल या गुर्दे की बीमारी
• टीबी या मिरगी का होना
• पीलिया या लिवर की बीमारी
• हाइपोथायराइड से ग्रसित होना.

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