जिला पदाधिकारी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह कोई औचक निरीक्षण नहीं था, यह रूटीन जांच थी जो कि साल में कम से कम एक बार होनी चाहिए और रूटीन जाँच संतोषजनक रहा. साथ ही सारी चीजें ठीक-ठाक थी. भूमि विवाद के कई मामले का जनता दरबार में सुलह कराया गया है. वहीं जब मामला भूमि विवाद से आया तो एक सवाल के जवाब में कहा कि भूमि विवाद से जहां बात आती है तो प्रखंड में म्यूटेशन की गति बहुत धीमी है. इस पर उन्होंने कहा कि मोटेशन की अवधि आवेदन करने से 75 दिन की होती है. अगर 75 दिन में म्यूटेशन नहीं होता है तो आवेदक डीसीएलआर के पास अपना आवेदन या शिकायत दर्ज करा सकते हैं. उसके बाद संबंधित पदाधिकारी पर कार्रवाई निश्चित रूप से होगी. इस अवसर पर पुलिस प्रशासन एलर्ट मूड में दिखा.
इस अवसर पर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सतीश कुमार, अनुमंडल पुलिस निरीक्षक सुरेश कुमार सिंह, चौसा थाना अध्यक्ष किशोर कुमार, एसआई विनय शंकर प्रसाद, एसएसआई मदन कुमार, नागमणि प्रसाद, सभी सशस्त्र बल, ग्रामीण पुलिस राजेश कुमार, मृत्युंजय कुमार, दीपक कुमार, मनोज कुमार, जमशेद आलम, आशुतोष कुमार आदि मुस्तैद थे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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September 21, 2022
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