इस समस्या को लेकर ग्रामीणों ने कई बार वर्तमान विधायक सह बिहार सरकार के पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव जी को भी जानकारी दी तथा इस स्थल का जिला पदाधिकारी के द्वारा भी निरीक्षण किया गया तथा आश्वासन दिया गया कि यह जल्द ही यह पुल का निर्माण कर दिया जाएगा. यहाँ तक कि कई वर्ष बीत जाने के बाद बीते फरवरी 28 फरवरी 2021 को विधायक नरेंद्र नारायण यादव के द्वारा शिलान्यास किया गया, इसके बावजूद भी आज तक इस पुल निर्माण के लिए एक भी ईट नहीं लगाई गई है जिससे ग्रामीणों में काफी नाराजगी देखी जा रही है. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्य मार्ग से सीधा संपर्क नहीं होने की वजह से हमारे गांव में अच्छे घर से रिश्तेदारी नहीं आती है. अगर कोई आ भी जाता है तो इस रास्ते को देखकर जाने के बाद पुनः वह वापस नहीं आते हैं. चाहे लड़की की शादी करनी हो या लड़का का, जो लोग पैसे वाले लोग हैं वो अपने बाल बच्चे की शादी यहां से दूर हट कर शहरी क्षेत्र में जाकर रहकर वहीं से करते हैं, लेकिन जो गरीब लोग हैं उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ता हैं.
इस संदर्भ में वर्तमान पंचायत समिति सदस्य मुकेश कुमार ने कहा कि इस पुल का जब 2008 में निर्माण हुआ था उसी वक्त पुल निर्माण में अनियमितता पाई गई थी. ग्रामीणों ने विरोध भी किया था लेकिन कोई सुनने वाला ही नहीं था जिसका नतीजा कि वह पुल महज 8 वर्षों में ही टूट गया. इस के वजह से अमनी, मुसरी, करेलिया, सपनी समेत दर्जनों गांव मुख्य मार्ग से संपर्क टूट गया है। यह इलाका बाढ़ ग्रस्त इलाका है और 4 महीनों तक यहां बाढ़ का पानी जमा रहता है. लोगों के आने जाने का यही एक मुख्य मार्ग है.
संवेदक की लापरवाही की वजह से अभी तक इस में काम नहीं हो पाया है और भुगतना आमलोगों को पड़ रहा है.

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