'ऑनलाइन एजुकेशन' विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने वक्तव्य

कोविड-19 महामारी न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अभिशाप बनकर आई है. इससे बच्चे एवं युवा सहित पूरा समाज प्रभावित है. इस महामारी ने हमारी सामाजिक, आर्थिक एवं मनोवैज्ञानिक दशा को बुरी तरह प्रभावित किया है. शिक्षा जगत भी इस महामारी के चपेट में है. ये बातें शुक्रवार को कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा का प्रभाव विषयक संगोष्ठी में विभिन्न वक्ताओं ने कही. 

संगोष्ठी का आयोजन मनोविज्ञान विभाग में किया गया था. वक्ताओं ने कहा कि आज प्रायः सभी स्कूलों, कॉलेजों एवं विश्वविद्यालयों में सामान्य पठन-पाठन नहीं हो पा रहा है. इस बीच ऑनलाइन शिक्षा एक विकल्प बनकर उभरी है. लेकिन इसके दुष्परिणामों के संदर्भ में भारत एवं विश्व के मनोवैज्ञानिक लगातार चिंता व्यक्त कर रहे हैं. इसका लोगों के स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव पड़ा है. वक्ताओं ने कहा कि ऑनलाइन उच्च वर्ग विद्यार्थियों के लिए अच्छा हो सकता है. लेकिन आम लोगों के लिए यह कारगर नहीं रहा है. खासकर मधेपुरा में संसाधनों का काफी अभाव है. इ

स अवसर पर मुख्य अतिथि सीसीडीसी डाॅ. इम्तियाज अंजूम थे. संगोष्ठी की अध्यक्षता इतिहास विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. भावानंद झा ने की. सह अध्यक्ष की भूमिका आईक्यूएसी के निदेशक डाॅ. मोहित कुमार घोष ने निभाई. संचालन बीएनमुस्टा के महासचिव डाॅ. नरेश कुमार ने किया.

'ऑनलाइन एजुकेशन' विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने वक्तव्य 'ऑनलाइन एजुकेशन' विषय पर वक्ताओं ने रखे अपने वक्तव्य Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 18, 2020 Rating: 5

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