बैठक में मुख्य रूप से किसानों का मुद्दा छाया रहा जिसमें जोरगामा पंचायत के सुरेंद्र यादव ने मुरलीगंज प्रखंड के उर्वरक एवं खाद बीज विक्रेताओं के ऊपर आरोप लगाया कि मकई के बीज 2100 रुपया की जगह 2800 में किसानों को बेचा गया. जिस पर कृषि पदाधिकारी प्रभुनाथ माझी से जवाब तलब किया । वही सुरेंद्र कुमार प्रखंड कृषि पदाधिकारी पर बरस पड़े. उन्होंने कहा कि वे हमेशा अपना मोबाइल स्विच ऑफ रखते हैं, वहीं उन्होंने निगरानी समिति के दायित्व व कार्यों के बारे में बताया गया। उर्वरक से संबंधित उर्वरक के विक्रेताओं के प्रतिष्ठान पर निर्धारित मूल्य पर उर्वरक विक्रय हेतु बातों पर चर्चा की गई। कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए किसानों की ओर से सुरेंद्र यादव जोरगामा निवासी ने इस बात को रखा.
बैठक में उपस्थित नहीं होने वाले उर्वरक दुकानदारों के खिलाफ कारण पृच्छा पूछने की बात हुई. कहा कि सभी दुकानदारों को 1 सप्ताह पूर्व ही बैठक के विषय में सूचना भेजी गई थी और इस तरह बैठक में उपस्थित नहीं होना सूचना की अवहेलना करना है.
मौके पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी प्रभुनाथ माझी, प्रखंड प्रमुख मनोज कुमार साह, रूपेश कुमार गुलटेन, कृषि समन्वयक विकास कुमार, किसान सुरेंद्र यादव, वैशाख विनायक एजेंसी के प्रोपराइटर रंजीत कुमार, कृषि विकास केंद्र के प्रोपराइटर रामगोपाल अग्रवाल, छतरिया खाद बीज भंडार मुरलीगंज के प्रोपराइटर संतोष कुमार भगत समेत मात्र आठ उर्वरक विक्रेता उपस्थित थे जबकि अन्य 12 उर्वरक विक्रेता अनुपस्थित थे।
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 22, 2020
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