गौरतलब हो कि मुरलीगंज प्रखंड कार्यालय परिसर मै सभी 213 आंगनबाड़ी केंद्रों पर मिल रही सुविधाओं को पारदर्शी करने के लिए समाज कल्याण विभाग की ओर से नई पहल की शुरुआत की गई है। इसके तहत अब पोषाहार वितरण में किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होगी। इसको लेकर समाज कल्याण विभाग ने पोषाहार टोकन (मोबाइल ओ टी पी) प्रणाली सिस्टम लागू किया है। ओ टी पी प्रणाली के तहत ही लाभार्थियों के बीच पोषाहार का वितरण किया जाएगा। इसके लिए सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं, महिला सुपरवाइजर व सीडीपीओ को ऑनलाइन प्रशिक्षित भी किया गया है.
कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन से पहले विभाग के द्वारा डीबीटी के माध्यम से लाभुकों के खाते में टीएचआर का वितरण किया जाता था। कई लाभुकों का खाता मिलान नहीं होने या तकनीकी गड़बड़ी के कारण से लाभुकों के खाते में राशि का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा था। इसके बाद सेविका और सहायिका के द्वारा घर-घर जाकर टीएचआर का वितरण किया जा रहा था। दिसंबर महीने से टीएचआर वितरण में पारदर्शिता सुनिश्चित करवाने के लिए निदेशालय के द्वारा ओटीपी वेरिफिकेशन के माध्यम से टीएचआर वितरण करवाने का निर्देश दिया है।
सेविका सहायिका संघ के अध्यक्षा मंजू कुमारी ने बताया कि टीएचआर वितरण के लिए जो ओटीपी वाला दिशा निर्देश जारी किया गया है वह परेशानी से भरा है. क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में जो मोबाइल नंबर है वह पंजाब दिल्ली कमाने गए घर वालों के पास होता है. वहां से ओटीपी कैसे आएगा कैसे वेरीफिकेशन होगा. दूसरी बात बहुत सारे रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर खराब पड़े हुए हैं या बंद पड़े हुए हैं तो फिर टीएचआर हम किस आधार पर वितरण करेंगे. यह काफी परेशानी से भरा है और हम लोग वितरण नहीं कर पाएंगे.
रेखा कुमारी ने बताया कि पहले टीएचआर वितरण के लिए ऑनलाइन करवाया गया था जिसमें खाता वेरीफिकेशन के कारण बहुत से लाभुकों के पैसे नहीं पहुंच सके. इसके लिए भी सेविका को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है यह बिल्कुल गलत है. नए नियम से ओटीपी के आधार पर पोषाहार वितरण में परेशानियों का सामना करना होगा. बहुतों के मोबाइल बंद है बहुतों के मोबाइल बाहर हैं और बहुतों के मोबाइल खराब हैं. ऐसे में यह कैसे हो पाएगा हम लोग इस ओटीपी प्रणाली का आज विरोध करते हैं.
जोरगामा पंचायत की तरीका सविता प्रसाद ने बताया कि यह ग्रामीण क्षेत्र में गरीबों की संख्या ज्यादा है और किसी के मोबाइल खराब है तो किसी के मोबाइल बंद हैं. हम लोगों को सरकारी मोबाइल जो वितरण किए गए हैं वह आधे से अधिक खराब हो चुके हैं और उस में नेट चलेगा कैसे क्योंकि नेट चलाने के लिए पूरे वर्ष में ₹1000 मिले हैं तो फिर ओटीपी के आधार पर कैसे टीएचआर का वितरण होगा. यह हम लोगों से संभव नहीं हो पाएगा समाज कल्याण विभाग इस पर फिर एक बार पुनर्विचार करें और हम लोगों की समस्या से अवगत हो.
मौके पर सेविका सविता कुमारी, निर्मला देवी, रेखा श्रीवास्तव, सोनी कुमारी, मीना कुमारी, शारदा देवी, मंजुला देवी, सावित्री देवी, पुतुल कुमारी, मीरा कुमारी, उषा कुमारी, बिंदु कुमारी, सुनीता हेंब्रम, रेनू कुमारी, सविता प्रसाद, प्रतिभा चौधरी, गुंजन कुमारी, पूनम कुमारी, आशा कुमारी, तनुजा कुमारी, अकबरी खातून, श्वेता कुमारी, कंचन कुमारी, रोशनी कुमारी, मालती कुमारी, पुष्पा कुमारी, रंजना कुमारी, इंदिरा देवी, रिंकू कुमारी, बबीता कुमारी, रमा कुमारी, रुकमणी कुमारी, फुल कुमारी सहित सभी आंगनबाड़ी सेविका सहायिका उपस्थित थे.

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