कायस्थ समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई चित्रगुप्त पूजा

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड के रामपुर में परंपरागत रूप से भक्ति भाव के साथ चित्रगुप्त पूजा हर्षोल्लास के साथ सोमवार को मनाई गई. 

कायस्थ समाज के लोगों ने शुक्रवार को श्री चित्रगुप्त महाराज की पूजा-अर्चना की. इस अवसर पर कई स्थानों पर प्रतिमाएं स्थापित कर बड़े धूमधाम से चित्रगुप्त महाराज की पूजा-अर्चना की गई. 

कायस्थ समाज के लोगों ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच कलम, दवात, कॉपी व पुस्तक की पूजा की. कायस्थ समाज ने भगवान श्री चित्रगुप्त जी महाराज की पूजा-अर्चना की व मनोवांछित फल मिलने की कामना की. कायस्थ समाज के लोगों ने पूजा अर्चना के पश्चात कलम नहीं छूने की परंपरा को निभाया. 

पौराणिक मान्यता के अनुसार सृष्टि की रचना के बाद ब्रह्माजी चिंतातुर हो गए. चिंता का कारण था- सकल सृष्टि की देखरेख एवं लेखा-जोखा रखना. कोई उपाय न सूझने पर ब्रह्माजी 12 हजार वर्ष की अखंड समाधि में लीन हो गए. इसके बाद उनकी काया से एक तेजस्वी बालक का जन्म हुआ, जिनका नाम ब्रह्माजी ने कायस्थ रखा और कहा कि समस्त जीवों के कर्मों का लेखा-जोखा रखना ही तुम्हारा दायित्व है. युवावस्था में उनका विवाह इरावती एवं शोभावती नामक कन्याओं से हुआ, जिनकी प्रथम पत्नी से चार एवं द्वितीय से आठ पुत्र उत्पन्न हुए. वैसे कलम से काम करने वाले सभी लोगों को इस भगवान की पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि सभी कायस्थ बंधु चित्रगुप्त भगवान के वंशज हैं. 

मौके पर ब्रजेंद्र लाल दास, राजेन्द लाल दास, अरविंद लाल दास, दिवाकर लाल लाभ, देवेंद्र लाल दास, नरेश लाल दास, बिनोद वर्मा, पप्पू लाल, गजेंद्र लाल दास, प्रमोद वर्मा, बबलू वर्मा, सचिन वर्मा, सुमित वर्मा, आंनद वर्मा, अमित वर्मा, शिरोमणि वर्मा, राजा वर्मा, सोनू वर्मा, मानस वर्मा, सत्यम वर्मा, रौशन वर्मा, मिक्कू वर्मा आदि दर्जनों लोग उपस्थित थे.

कायस्थ समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई चित्रगुप्त पूजा कायस्थ समाज द्वारा हर्षोल्लास के साथ मनाई गई चित्रगुप्त पूजा Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on November 16, 2020 Rating: 5

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