इस अवसर पर खेलकूद का आयोजन किया गया. खेलकूद में घोड़ा रेस, स्थानीय पहलवानों के द्वारा दंगल एवं कबड्डी आदि कई ग्रामीण खेलकूद का भव्य प्रदर्शन किया गया. खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन पूर्व मुखिया अशोक यादव ने किया. उन्होंने कहा कि बुधाय महाराज पहलवान एवं सिद्ध पुरुष थे. वे लोगों के सुख-दुख में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे. उनके कृति का बखान भले ही इतिहास के पन्नों से अलग हो लेकिन कोसी के इस पिछड़े इलाकों में उनके गुणों का यशोगान होता है. गाहे चरवाहे पशुपालक किसान एवं उनके कृति से प्रभावित लोग आज भी बुधाय महाराज को जन-जन में ढूंढते फिरते हैं.
घुड़सवारी में कुमारखंड, शंकरपुर, त्रिवेणीगंज, सिंहेश्वर आदि जगहों के घुड़सवार ने भाग लिया, जिसमें भदौल के पवन यादव, बरहकुरवा के सुभाष यादव, नरसिंह बाग के धीरेन्द्र, ग्रुप 'बी' में भदौल के लाल दास, मधेली के विद्यानंद यादव, बरियाही के केलू यादव, ग्रुप 'सी' में लाही के नूनूलाल यादव, भलुवाहा के संजय यादव, मधेली के डोमी यादव ने प्रथम स्थान लाया. महोत्सव का सफल संचालन में अश्वनी यादव, योगेन्द्र मेहता, कारी ऋषिदेव, उमेश यादव, राजकिशोर यादव, भूपेन्द्र यादव, आलोक यादव, विधानंद सरदार, दुर्गेश कुमार सहित कई लोगों ने सफल संचालन में अहम भूमिका निभाई.
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