जिले भर से लक्षण के आधार पर मरीजों को सदर अस्पताल मधेपुरा में प्राइमरी चेकअप के लिए लाया जा रहा है जहाँ से चिकित्सक जाँच के बाद उनके बारे में उचित निर्णय लेते हैं. अभी तक कई सर्दी, खांसी, बुखार और साँसों की तकलीफ के मरीज सदर अस्पताल में प्राथमिक जाँच के बाद लक्षणों और संदेह के आधार पर अगली जाँच के लिए दरभंगा भी भेजा जा रहा है और कुछ को क्वारंटाइन के लिए स्थानीय आइसोलेशन सेंटर.
मधेपुरा में आइसोलेशन सेंटर सदर अस्पताल मधेपुरा में बनाया गया और फिर खबर दी गई कि मधेपुरा में नवनिर्मित जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सौ से अधिक बेड इसी उद्येश्य से बनाये गए हैं. पर ताजा हालात ये है कि मेडिकल कॉलेज में किसी मरीज को नहीं रखा गया है, जो इस इलाके के लिए बेहद निराशा की बात है. सदर अस्पताल के बाद जानकारी दी गई कि मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा के हॉस्टल को आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. ऐसे में बड़ा सवाल ये भी उठता है कि इलाज के उद्येश्य से बनाए और वेतन पा रहे मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों की वर्तमान संकट में क्या जरूरत है और इस संस्था का उद्घाटन और इसके बारे में बड़ी-बड़ी डींगे हांक कर सरकार क्या दिखाना चाहती थी?
जो भी हो, बताया गया कि सदर अस्पताल और मधेपुरा कॉलेज के आइसोलेशन सेंटर में वर्तमान में 17 मरीज ऑब्ज़र्वेशन में रखे गए हैं. इनमें से अधिकाँश वो हैं जो हाल में ही कोरोना प्रभावित इलाके से आये हैं और सिर्फ प्राथमिक लक्षण खांसी बुखार आदि से ही पीड़ित हैं. इसके अलावे मधेपुरा से जुड़े जिन मरीजों के सेम्पल पटना भेजे गए हैं उनके रिपोर्ट अभी तक अप्राप्त हैं. कुल मिलाकर अभी तक मधेपुरा जिले में कोरोना का एक भी कन्फर्म पॉजिटिव केस नहीं है जो संतोष की बात है. पर खतरा से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है. ऐसे में हम सिर्फ और सिर्फ खुद को घरों में रखकर और सरकार तथा प्रशासन के निर्देशों का पालन कर ही अपने परिवार के साथ इलाके को भी सुरक्षित रख सकते हैं.
(वि. सं.)
कोरोना अपडेट: जानिये मधेपुरा में क्या है कोरोना की वर्तमान स्थिति और इससे लड़ने की व्यवस्था ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 03, 2020
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