मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत बीपीएल धारियों को मिलने वाले खाद्यान्न वितरण में स्थानीय डीलर की मनमानी चरम पर है.
आलम यह है कि बेरोक-टोक तरीके से डीलर जन वितरण प्रणाली दुकान से अनाज वितरण में धांधली किया जाता है, जिस पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. सस्ते दरों पर लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना स्थानीय अधिकारी और डीलर की मिलीभगत से उगाही का साधन मात्र बनकर रह गया है. ऐसे में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना गरीबों के हक मारी का जरिया बनकर रह गया है.
आलम यह है कि झिटकिया पंचायत के लक्ष्मीनिया गांव वार्ड नंबर 6 की डीलर मीना परवीन लाइसेंस नंबर 121/ 18 अपनी मनमर्जी चलाती है. वहीं उपभोक्ता चुनचुन देवी, मीरा देवी, बिरुन्दा देवी, सचिता देवी, द्रोपदी देवी आदि और उनके परिजन मनीष कुमार, सानू कुमार, शशि, राजकुमार, प्रिंस कुमार, ओम कुमार ने बताया कि 2 से 3 माह होने पर एक माह का अनाज डीलर देती है वहीं अन्य महीने का भी कॉलम भर दिया जाता है.
इसी बात को लेकर जब शशि राज ने कॉलम में हस्ताक्षर के बाद दिनांक दे दिया तो डीलर के ससुर मुन्ना अंसारी, भैंसुर लड्डू अंसारी, पति चांद अंसारी ने रजिस्टर छीन कर मारपीट करने पर उतारू हो गया और कहने लगा कि जहां जाना है जाओ कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. वहीं राशन कार्ड धारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पर यूनिट हर माह 5 किलो राशन काट लिया जाता है. गांव में कई ऐसे गरीब हैं कि तीन-चार महीनों से उन्हें राशन नहीं दिया है और कहता है कि तुम्हारा अब अंगूठा काम नहीं करता है.
उन्होंने बताया कि डीलर यह भी धमकी देने लगे कि ज्यादा करोगे तो राशन कार्ड को रिजेक्ट करवा देंगे. यही सब बात कहने पर हम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मार-पीट पर उतारू हो गया. जबकी इससे पहले भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दे चुका हूं लेकिन हम गरीबों का सुनने वाला कोई नहीं है.
इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी श्याम किशोर से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह डीलर को अनाज भेजा जाता है. कोई अगर कहता है कि अनाज नहीं मिला है तो वह गलत है. इस तरह का मामला सामने आया है तो जांच कर डीलर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
आलम यह है कि बेरोक-टोक तरीके से डीलर जन वितरण प्रणाली दुकान से अनाज वितरण में धांधली किया जाता है, जिस पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है. सस्ते दरों पर लाभुकों को खाद्यान्न उपलब्ध कराने की योजना स्थानीय अधिकारी और डीलर की मिलीभगत से उगाही का साधन मात्र बनकर रह गया है. ऐसे में केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना गरीबों के हक मारी का जरिया बनकर रह गया है.
आलम यह है कि झिटकिया पंचायत के लक्ष्मीनिया गांव वार्ड नंबर 6 की डीलर मीना परवीन लाइसेंस नंबर 121/ 18 अपनी मनमर्जी चलाती है. वहीं उपभोक्ता चुनचुन देवी, मीरा देवी, बिरुन्दा देवी, सचिता देवी, द्रोपदी देवी आदि और उनके परिजन मनीष कुमार, सानू कुमार, शशि, राजकुमार, प्रिंस कुमार, ओम कुमार ने बताया कि 2 से 3 माह होने पर एक माह का अनाज डीलर देती है वहीं अन्य महीने का भी कॉलम भर दिया जाता है.
इसी बात को लेकर जब शशि राज ने कॉलम में हस्ताक्षर के बाद दिनांक दे दिया तो डीलर के ससुर मुन्ना अंसारी, भैंसुर लड्डू अंसारी, पति चांद अंसारी ने रजिस्टर छीन कर मारपीट करने पर उतारू हो गया और कहने लगा कि जहां जाना है जाओ कोई कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा. वहीं राशन कार्ड धारियों ने आरोप लगाते हुए कहा कि पर यूनिट हर माह 5 किलो राशन काट लिया जाता है. गांव में कई ऐसे गरीब हैं कि तीन-चार महीनों से उन्हें राशन नहीं दिया है और कहता है कि तुम्हारा अब अंगूठा काम नहीं करता है.
उन्होंने बताया कि डीलर यह भी धमकी देने लगे कि ज्यादा करोगे तो राशन कार्ड को रिजेक्ट करवा देंगे. यही सब बात कहने पर हम लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए मार-पीट पर उतारू हो गया. जबकी इससे पहले भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को आवेदन दे चुका हूं लेकिन हम गरीबों का सुनने वाला कोई नहीं है.
इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी श्याम किशोर से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि प्रत्येक माह डीलर को अनाज भेजा जाता है. कोई अगर कहता है कि अनाज नहीं मिला है तो वह गलत है. इस तरह का मामला सामने आया है तो जांच कर डीलर के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी.
संक्रमण काल में भी डीलर की मनमानी, लाभुकों के साथ किया अभद्र व्यवहार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 01, 2020
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