लॉकडाउन में सब्जी और खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकना प्रशासन की बड़ी जवाबदेही

मधेपुरा में लगातार खाद्यान्न और सब्जी में कालाबाजारी की खबर पर बुधवार को प्रशासन हड़कत में आयी और सब्जी के थोक विक्रेता के दूकान की जांच की और कई निर्देश दिए.

मालूम हो कि रविवार को प्रधानमंत्री के जनता कर्फ्यू के दिन बाजार सामान्य ढंग से चल रहा था लेकिन रविवार को मुख्यमंत्री के 23-31 मार्च लॉकडाउन की घोषणा के बाद अचानक रातों-रात खाद्यान्न और सब्जी के दाम में आग लग गयी. रातों-रात खासकर दाल, दलहन, चावल, आटा और आलू प्याज के दामो में आग लग गयी. रविवार तक आलू 12 से 14 रूपये बिक रहा था लेकिन सोमवार को आलू 16 से 18 रूपये और प्याज ने इस कदर रुलाया कि 26 से 30 रूपया बिक रहा है. दाल दलहन में दो से चार रूपये किलो की तेजी हो गयी. आटा और चावल में दो से चार रूपये की तेजी हो गई. 

किराना खुदरा विक्रेता की माने तो रातों-रात थौक विक्रेताओं ने दाम में जबर्दस्त तेजी कर दिया. लॉकडाउन में कालाबाजारी ने सारी हद पार कर दी. इतना ही मास्क और सेनेटाईज के दामों से आमलोग परेशान हो उठे. कालाबाजारी यहीं नहीं थमी, मंगलवार को प्रधानमंत्री ने 21 दिन का लॉकडाउन की घोषणा की तो थौक व खुदरा व्यवसायी की चांदी कटनी शुरू हो गयी. 

खबर आने पर जिला प्रशासन हड़कत में आयी. बुधवार को एसडीएम वृंदा लाल और एसडीपीओ वशी अहमद ने सख्ती बरतते हुए सब्जी के थौक विक्रेता के दूकान पहुंचे जहां विक्रेता से  सब्जी की दाम की जानकारी ली. थौक विक्रेता से बुधवार को बिके फूल गोभी का दर पूछा तो पता चला कि 500 से 600 रूपया क्विंटल बिका है. जबकि बाजार में फूल गोभी 20 रूपया किलो बिक रहा था. इसी तरह सभी सब्जी मे बेतहाशा वृद्धि कर दिया.

एक खुदरा दूकानदार जो नाम न छापने के शर्त पर बताया कि सामान के दाम मे तेजी का विरोध करने पर थौक विक्रेता समान नहीं होने की बात कहकर भगा देते हैं. एसडीएम ने कालाबाजारी के खिलाफ कड़ा कदम उठाने की बात कही है.
लॉकडाउन में सब्जी और खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकना प्रशासन की बड़ी जवाबदेही लॉकडाउन में सब्जी और खाद्यान्न की कालाबाजारी रोकना प्रशासन की बड़ी जवाबदेही Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 26, 2020 Rating: 5

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