सुपौल। कोसी के डिस्चार्ज में दर्ज की गयी वृद्धि के बाद प्रशासन के होश उड़े
हुए है। दिन रात अभियंताओं की टीम कोसी के पश्चिमी व पूर्वी तटबंध की सुरक्षा में
लगे है।
इसी कड़ी में शुक्रवार की देर संध्या तक सुपौल के डीएम बैद्यनाथ यादव ने भी
कोसी के पूर्वी तटबंध का
जायजा लिया। जिन्होंने तटबंध की सुरक्षा में लगे
अभियंताओं को कई निर्देश दिया।
जायजा लिया। जिन्होंने तटबंध की सुरक्षा में लगे
अभियंताओं को कई निर्देश दिया।
कार्य में लापारवाही पर बिफरे डीएम: पूर्वी तटबंध के निरीक्षण के दौरान मात्र 30 किमी के सफर में ही डीएम ने पूर्वी तटबंध में लगे 80 से अधिक रेनकट देख कर आग बबूला हो गये। मौके पर अनुपस्थित
जल संसाधन के मुख्य अभियंता प्रकाश दास को फोन पर 24 घंटे के भीतर रेनकट को दुरूस्त कराने का निर्देश दिया।
डीएम ने कहा कि 24 घंटे के बाद पुनः तटबंध का निरीक्षण किया जायेगा। कार्य
में लापारवाही मिलने पर विभाग को लिखा जायेगा।
02 हजार से अधिक घरों में घुसा बाढ़ का पानी: कोसी नदी में जल
वृद्धि के बाद प्रभावित क्षेत्र के लोगों के सामने कई प्रकार की समस्या उत्पन्न हो
गई है। खास कर मवेशी पालकों के बीच विकट समस्या पैदा हो गई है। चारों और पानी से
घिरे रहने के कारण मवेशी के लिए चारा प्रबंध करना उनलोगों के लिए कठिन हो गया है।
मरौना प्रखंड स्थित कोसी तटबंध के भीतर स्थित घोघड़रिया,
कदमाहा, बड़हरा और सिसौनी पंचायत के दर्जनों गांव के तकरीबन 2 हजार से अधिक घरों में बाढ़ का पानी घुस गया। साथ ही
दर्जनों गांव पर जलसमाधि का खतरा मंडरा रहा।
डीएम ने की समीक्षा: डीएम बैद्यनाथ यादव ने कहा कि प्रभावित परिवार के घरों
में बाढ का पानी प्रवेश कर गया है लेकिन वे लोग अपने- अपने घरों में सुरक्षित हैं।
बताया कि वार्ड स्तर पर सरकारी नाव मुहैया करायी गई है। जिसकी समीक्षा की जा रही
है। डीएम ने सदर प्रखंड, किशनपुर, मरौना एवं सरायगढ- भपटियाही प्रखंड के बाढ़ प्रभावित इलाके
को दौरा किया है।
कोसी का कहर शुरू: 02 हजार से अधिक घरों में घुसा बाढ़ का पानी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2017
Rating:
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 05, 2017
Rating:

