सक्सेस स्टोरी (3): ‘हम प्रणाम करते हैं उस बिहार की माटी को जहाँ आप जैसी लड़की हैं’: मधेपुरा जैसे छोटे शहर से सुरीली आवाज की प्रिया ने देश स्तर पर बनाई पहचान

भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन ने जिसके लिए ये शब्द कहे कि ‘हम प्रणाम करते हैं उस माँ-बाप को जिसके घर आपने जन्म लिया, हम प्रणाम करते हैं उस बिहार की माटी को जहाँ आप जैसी लड़की हैं’, सुरीली आवाज की मलिका वो मधेपुरा की ही लड़की थी.
       अपने उम्र के महज पांच साल से ही संगीत की प्रैक्टिश ने आज मधेपुरा की इस गायिका को जिस मुकाम पर पहुँचाया है वो समूचे कोसी और बिहार के संगीत प्रेमियों को गौरवान्वित करने लायक है. मधेपुरा में 08 नवम्बर 1993 को जन्मी प्रिया राज मधेपुरा और कोसी स्तर पर तो कब से सराही जा रही थी थी, पर अचानक वर्ष 2010 के अगस्त माह में प्रिया शोहरत की उन बुलंदियों पर पहुँच गई जहाँ पहुंचना इससे पहले मधेपुरा जैसे कला के क्षेत्र में शून्य जिले से किसी गायिका के लिए असंभव माना जाता था. कला में शून्य माने जाने वाले मधेपुरा को प्रिया ने गायन के क्षेत्र में जो शोहरत दिलाई वो अविस्मरणीय है.
          टीवी चैनल महुआ पर म्यूजिक रियलिटी कम्पीटीशन शो ‘सुर संग्राम-2’ में जब प्रिया के गाने शो के जज और भारत के संगीत प्रेमी दर्शकों पर जादू चलाने लगे तो अचानक बिहार की बेटी के रूप में प्रिया राज चर्चित हो गई. शो में सुरीली आवाज के साथ-साथ संगीत की अपनी अद्भुत प्रतिभा से जजों के दिल पर प्रिया राज राज करने लगी और भोजपुरी सुपर स्टार रवि किशन ने तो यहाँ तक कह दिया कि ‘हम प्रणाम करते हैं उस माँ-बाप को जिसके घर आपने जन्म लिया, हम प्रणाम करते हैं उस बिहार की माटी को जहाँ आप जैसी लड़की हैं’. अन्य जजों की प्रतिक्रिया भी कोसी का मान बढाने वाले थे. मलाईका अरोड़ा, अभिनेत्री: तुम इतना अच्छा गाती हो कि लगता है ये ओरिजिनल से बेहतर है. सोनाक्षी सिन्हा, अभिनेत्री: बहुत पावरफुल. अरबाज खान, अभिनेता: ओरिजिनल से बेहतर. इस्माइल दरबार: सबसे अच्छी बात है कि माहौल से परे तुम निडर होकर गाती हो, इसे बनाये रखना. रूप कुमार राठौर: बहुत ही अच्छा. मनोज बाजपेयी: मैं तुम्हे 40 में से 39 अंक देता हूँ, बहुत बढ़िया. सुर संग्राम-2 में प्रिया ने देश भर में चौथा स्थान पाया और प्रशंसा मिलने पर कई बार प्रिया के मुंह से अचानक जोर की आवाज निकल जाती थी- जय बिहार.
          दरअसल बिहारी कहलाने का गौरव शायद प्रिया को इसलिए भी अच्छा लग रहा था कि बाहर अक्सर लोगों को लगता था कि बिहार में प्रतिभाओं की कमी है. खासकर मधेपुरा जैसे अत्यंत पिछड़े इलाके से संगीत जैसे कठिन क्षेत्र में देश में नाम कमाना तो असंभव ही माना जा रहा था. प्रिया दिखाना चाहती थी कि देखिये, कोसी और बिहार की प्रतिभा अब सर चढ़ कर बोलने लगी है. प्रिया की प्रतिभा अगली बार पूरे देश के संगीत प्रेमियों को तब देखने को मिली जब दूरदर्शन पर म्यूजिक रियलिटी कम्पीटीशन ‘भारत की शान’ का आयोजन वर्ष 2013 में हुआ और देश भर के प्रतिभागियों को पछाड़ कर कोसी की बेटी ने टॉप टेन में जगह बना ली.
        संगीत के क्षेत्र में जब सफलता की सीढ़ियों पर प्रिया ने एक बार अपने पैर रखे तो ऊपर चढ़ना आसान होता गया. फिर तो भोजपुरी फिल्मों में इसे पार्श्वगायिका के तौर पर चुना गया और म्यूजिक एलबमों में गाने के अवसरों की भरमार हो गई. मायानगरी मुम्बई में रह रही प्रिया राज इन दिनों दुर्गापूजा के मौके पर पटना में बन रहे एक एलबम में गायिका के तौर पर अपना योगदान देने बिहार आई हैं. प्रिया कहती है, कहीं भी रहूँ, मधेपुरा टाइम्स पढ़ना मेरी आदत में शामिल हो चुका है. शायद यही वजह थी कि कल शनिवार को मधेपुरा टाइम्स के कार्यालय में आकर प्रिया ने अपने बचपन से लेकर अबतक की यादों को ताजा किया और हमारे अनुरोध पर मधेपुरा टाइम्स के पाठकों के लिए कई गाने सुना कर गई.
         पर एक बात तो तय है कि इतनी बड़ी सफलता किसी को भी बहुत आसानी से नहीं मिल जाती है. प्रिया को भी इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष के कई रास्तों से गुजरना पड़ा. मधेपुरा के एक किसान पिता अरूण कुमार सिंह के घर पैदा लेने वाली मधेपुरा के रोज बड स्कूल और फिर नवोदय विद्यालय, मधेपुरा में पढ़ी प्रिया के संघर्ष और सफलता की कहानी के कई अन्य पहलू अगले अंक में.
मधेपुरा टाइम्स के कार्यालय में प्रिया के गाये कुछ गाने यहाँ सुनें:
अपन जिनगी के अपने तबाह न करू, बात मानू ए बबुआ बियाह न करू. (मैथिली)
यह मोह मोह के धागे. तेरी उंगलियों से जा उलझे. कोई टोह टोह ना लागे. किस तरह गिरह ये सुलझे. (हिंदी)
(क्रमश:)
(अगला अंक पढ़ें: संगीत के क्षेत्र में यदि प्रतिभा हो तो आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता कोई: 104 डिग्री बुखार में भी भारत के प्रसिद्ध जजों के सामने गया था ताकि बरक़रार रहे बिहार की शान)
(इसी स्टोरी में प्रिया के बाकी गाने के वीडिओ भी जल्द होंगे)
सक्सेस स्टोरी (3): ‘हम प्रणाम करते हैं उस बिहार की माटी को जहाँ आप जैसी लड़की हैं’: मधेपुरा जैसे छोटे शहर से सुरीली आवाज की प्रिया ने देश स्तर पर बनाई पहचान सक्सेस स्टोरी (3): ‘हम प्रणाम करते हैं उस बिहार की माटी को जहाँ आप जैसी लड़की हैं’: मधेपुरा जैसे छोटे शहर से सुरीली आवाज की प्रिया ने देश स्तर पर बनाई पहचान Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 13, 2015 Rating: 5

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