“बादशाह की तरह आते हैं और हिटलर की तरह चले जाते हैं हमारे सांसद”

राकेश सिंह/04 जून 2012
बादशाह की तरह आते हैं और हिटलर की तरह चले जाते हैं हमारे सांसद ये कहना है मधेपुरा जिला व्यापार संघ में उपाध्यक्ष और जिला फोटो स्टेट संघ मधेपुरा के अध्यक्ष इम्तियाज अहमद का.जारी प्रेस विज्ञप्ति में जिला व्यापार संघ के उपाध्यक्ष कहते हैं कि मधेपुरा के सांसद शरद यादव के मधेपुरा आने से तीन दिन पहले ही 15-20 लाख की चमचमाती गाड़ी मधेपुरा आ जाती है और जनता को एहसास करा देती है कि सांसद महोदय आ रहे हैं.बहुत से लोग जो ये गाड़ी नहीं देख पाते हैं तो उन्हें खम्भे पर बिजली की चमक बता देती है कि वे आ रहे हैं.इनके आने के बाद बिजली की स्थिति दिल्ली की तरह हो जाती है.आगे सायरन पीछे सायरन सभी पदाधिकारी यह दिखाने को आतुर रहते हैं कि सारी व्यवस्थाएं ठीक हैं.लेकिन सही मायने में तेरह लाख जनता में कोई जनता यह नहीं कह सकती कि हमने अपने सांसद महोदय से पांच मिनट बात की, अपनी समस्याओं को सुनाया, उन्होंने बड़े ध्यान से मेरी बातों को सुना और मुझे समाधान का आश्वासन दिया.प्रेस विज्ञप्ति में आगे कहा गया है कि जब से शरद जी सांसद बने हैं आज तक व्यापारियों से वार्ता करना जरूरी नहीं समझा है.हमारे सांसद महोदय ने सांसद के कार्यकलाप को बदल कर रख दिया.प्रजातंत्र में सेवक का काम क्या है भुला दिया है इन्होने. क्या मधेपुरा की जनता को ये जानने का हक नहीं है कि आखिर किस परिस्थिति में माननीय दिनेश चन्द्र यादव ने संसद में कोसी प्रमंडल एवं पूर्णियां प्रमंडल के लोगों के लिए रेलवे के विकास एवं गाड़ी परिचालन ज्यादा से ज्यादा करने के लिए आवाज उठाई.हमारे सांसद ने किसी एक गाड़ी को सहरसा से मधेपुरा तक विस्तार हो इसकी कोशिश क्यों नहीं की,मधेपुरा की जनता को ये जानने का हक है और उन्हें जवाब देना ही होगा.
इम्तियाज अहमद,उपाध्यक्ष,व्यापार संघ
     मधेपुरा टाइम्स से बातचीत में इम्तियाज अहमद ने कहा कि वे हिटलर की तरह इसलिए आते हैं कि वे हवाई जहाज से जब उतरते हैं तो वे भूल जाते हैं कि हम राष्ट्रीय नेता नहीं, साधारण नेता की तरह अपने क्षेत्र में जाना चाहिए.आगे पीछे गाड़ियों का काफिला चलता है, सायरन होता है. वे लोगों का अभिवादन भी नहीं करते हैं और ऐसे ठाठ से चलते है जैसे कि उनसे बड़ा कोई है ही नहीं.आप आते है जिला पदाधिकारी के साथ में बात करते हैं और चले जाते हैं.आम जन का विकास हो तो विकास दीखता है.क्या काम हो रहा है आम लोगों को पता नहीं चलता.ट्रेन को मधेपुरा तक एक्सटेंड करना उनके लिए दस से पन्द्रह मिनट का कम है.हाँ, इनका एक योगदान है जो है एनएच.सुपौल में इनके द्वारा मंत्री बनाये गया उनके यहाँ दस मेगावाट बिजली रहती है और मधेपुरा में पांच मेगावाट बिजली दी जाती है.
     वे आगे कहते हैं कि सांसद कहते हैं कि अपने वोट को बेटी की तरह इज्जत दें.तो मैं भी मधेपुरा की जनता से कहना चाहूँगा कि इस बार आप अपनी बेटी की इज्जत करें.कोशिश करें कि पन्द्रह लाख में एक लाल पैदा हो जो मधेपुरा का प्रतिनिधित्व करें.ये मधेपुरावासियों के कभी हो ही नहीं सकते.इनमें मगरूरियत भरी हुई है.नीतीश जी कहते हैं कि श्रीविधि से खेती कीजिए,हाइब्रिड खेती मत कीजिए.मैं भी ये कहता हूँ कि आप भी श्रीविधि का ही एमपी चुनें,हाइब्रिड एमपी न चुनें.हम और आप बेवकूफ हैं जो इन्हें बार बार एमपी चुनते हैं.हमें अब एक ऐसा एमपी चाहिए जो गाड़ी से नीचे उतरे.इस बार आप सांसद बदल डालिए.
    देखा जाय तो मधेपुरा जिला व्यापार संघ के उपाध्यक्ष इम्तियाज अहमद के द्वारा सांसद शरद यादव पर लगाए गए आरोपों में काफी दम है और इन आरोपों का तर्कसंगत जवाब देना शायद ही संभव हो सके.अब देखना ये है कि अगले चुनाव में जनता क्या फैसला लेती है?
“बादशाह की तरह आते हैं और हिटलर की तरह चले जाते हैं हमारे सांसद” “बादशाह की तरह आते हैं और हिटलर की तरह चले जाते हैं हमारे सांसद” Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 04, 2012 Rating: 5

3 comments:

  1. "तुम आसमाँ की बुलन्दी से जल्द लौट आना
    हमें जमीं के मसाइल पे बात करनी है..."

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  2. Abhishek BhardwajWednesday, 06 June, 2012

    मैं जब भी मधेपुरा जाता हूँ ये उम्मीद होती है कि हमारे क्षेत्र का इस बार विकास हुआ होगा ! लेकिन आज तक निराशा ही हाथ लगी है ! मैं आज इस बात के बारे में ध्यान आकर्षित करना चाहता हूँ कि हमें विकास का हाथ थामना चाहिए या पार्टी का ? हमारे माननीय सांसद शरद यादव जी मधेपुरा में राजा के तरह आते हैं और अधिकारियों से सेवा करा के वापस हो जाते हैं ! जिले मैं कहीं भी विकास नहीं दिखता ! मैं इस बात से सहमत हूँ की राज्य में विकास हुआ है लेकिन हमारे सांसद का कोई योगदान नहीं दिखता ! हम उनका समर्थन पार्टी को ध्यान में रखके करते हैं लेकिन कब तक ? हमें पूछना पड़ेगा हमारे माननीय सांसद महोदय से की आप हमारे राजा हैं या प्रतिनिधि ? आजतक मधेपुरा में रेल का विकास क्यूँ नहीं हो पाया? सड़कें इतनी जर्जर क्यूँ है ? हमारे सांसद जनता से कितने जुड़े हैं ?
    समय आ गया है जब हमें जात-पात और पार्टी से ऊपर उठकर विकास के बारे मे बात करनी चाहिए ! हमें ऐसा सांसद चाहिए जिनका जुड़ाव विकास से हो विवाद से नहीं !

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  3. Sharad ji pravasi pakshi hai aur samajthe hain ki bahot bade leader hain. Pahle MP se M.P bane phir U.P aur Phir Bihar se M.P bane.

    Madhepura se inke MP banne ke liye kya yogyata thi ye sab jante hain.

    Anti Lalu aur Pro Niish vote ke sahare ye MP hain.. Aisa nahi ki inmein koi khas bat hai.

    Inko samjhna chahiye ki bar-2 inke favour mein polarisaion of voters nahi hoga. Acha hoga ki kuch kam karein . National leader hone ki gaflat na palien.

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