'कितने दफे दिल ने कहा,
दिल की सुनी कितने दफे,
वैसे तो तेरी ना में भी,
मैंने ढूंढ ली अपनी खुशी
तू जो अगर हाँ कहे,
तो बात होगी और ही
दिल ही रखने को कभी
ऊपर-ऊपर से सही
कह देना हां ,
फिल्म 'तनु वेड्स मनु ' का यह गीत आज लोगों की जुबां पर छा गया है. फिल्म के अन्य गाने भी जब आज हिट हो रहे हैं तो ये जानना बिल्कुल लाजिमी है कि इन गानों के शब्दों को सजाने वाला शख्स कौन है. नही जानते तो चलिए हम बताते हैं, इस प्रतिभा का नाम है राजशेखर. और ये बताते हमें काफी गर्व महसूस हो रहा है कि राजशेखर मधेपुरा के ही हैं जिनकी प्रतिभा का डंका आज हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री, मुंबई में जोरों से बज रहा है. मधेपुरा जिले के भेलवा गाँव के श्री चंद्रशेखर आजाद के पुत्र राजशेखर ने तनु वेड्स मनु के लिए कुल पांच गाने लिखे हैं जिन्हें गाये हैं सुप्रसिद्ध गायक मोहित चौहान, रूप कुमार राठौर, गायिका सुनिधि चौहान, उज्जैनी, पूरनचंद वडाली, प्यारेलाल वली आदि ने.
२२ सितम्बर १९८० को जन्मे राजशेखर की ५ वीं तक की शिक्षा अपने गाँव भेलवा के ही राजकीय मध्य विद्यालय में हुई. ७ वीं तक विद्या मंदिर मधेपुरा में पढ़ने के बाद राजशेखर ने मैट्रिक तक की पढाई जेनरल हाई स्कूल मधेपुरा से ही की.मधेपुरा टाइम्स से लंबी बातचीत के क्रम में राजशेखर ने बताया कि उनमे कविता के प्रति रुचि बचपन में ही पैदा हो गयी थी. बचपन को याद करते हैं कि एक बार उन्होंने अपने चाचा शशिशेखर यादव के आलमीरा से नागार्जुन की किताब उग्रतारा चुरा कर पढ़ा था. उस समय ये मात्र चौथी कक्षा में पढ़ रहे थे. दादा स्व० तेजनारायण यादव, नाना स्व० नन्द किशोर मंडल के अलावे बड़े दादा स्व० जयनारायण मंडल, बालम गढिया के परमेश्वरी बाबू से भी इन्हें इस क्षेत्र में कुछ करने की प्रेरणा मिली. बार लाइब्रेरी मधेपुरा में कवि गोष्ठी आदि होते रहते थे जिनमे भूपेंद्र मधेपुरी, शलभ जी आदि से ये प्रभावित होते रहे थे.
पर राजशेखर को अपनी क्षमता दिखाने का मौका तब से लगा जब ये टीएनबी कॉलेज भागलपुर से इंटर करने के बाद उच्चतर अध्ययन के लिए किरोड़ीमल कॉलेज दिल्ली गए. वहाँ इन्हें एनडीटीवी में लेखन का काम करने का अवसर मिला. किरोड़ीमल कॉलेज की नाट्य संस्था 'द प्लेयर' से इन्हें एक नयी जीवनदृष्टि, एक नया आउटलुक मिला. ये इनके जीवन का एक नया मोड़ था. दिल्ली युनिवर्सिटी से एम०ए० करने के बाद राजशेखर को एक अमेरिकन फिल्म 'बौम्बे स्काई' में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करने का मौका मिला और ये वो वक्त था जब श्री राजशेखर की प्रतिभा का लोहा लोगों ने मानना शुरू कर दिया था. फिल्म 'जाने तू जाने ना',होम डिलीवरी' समेत कुछ अन्य फिल्म व डॉक्यूमेंट्री फिल्म में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर काम करने के बाद २००८ की भीषण कोशी की बाढ़ ने श्री राजशेखर को भी प्रभावित कर दिया और इन्हें अपने पिता की खराब तबियत को सुनकर गाँव आ जाना पड़ा.राजशेखर बताते हैं कि ये वक्त मेरी जिंदगी की सबसे परेशानी का वक्त था.पर इन्होने हिम्मत नही हारी और संघर्षपथ पर चलते रहे.
आगामी २५ फरवरी को पूरे भारत के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने वाली फिल्म 'तनु वेड्स मनु' में गीतों के जरिये किये धमाके के बारे में श्री राजशेखर कहते हैं कि इस फिल्म के लेखक हिमांशु शर्मा उनके दोस्त हैं.फिल्म के डायरेक्टर आनंद एल राय ने मेरी कुछ कवितायें पहले सुनी थी. उन्होंने अचानक मुझसे पूछा कि लिखोगे इस फिल्म का एक गीत? मैंने जब एक गीत लिखकर उन्हें दिया तो फिर उन्होंने फिल्म के पांच गीत मुझे लिखने को दिया. आज फिल्म के गीत जब हिट हो रहे हैं तो मुझे बहुत अधिक खुशी हो रही है. दरअसल किसी नए गीतकार को इस तरह बड़ा ब्रेक देना एक रिस्की काम था जिसके लिए मैं हमेशा उनका एहसानमंद हूँ. फिल्म के म्यूजिक डायरेक्टर कृष्णा को भी यहीं से ब्रेक मिला.आनंद जी ने नए लोगों पर रिस्क उठाया, ये उनकी बड़ी महानता है.
अपनी सफलता के पीछे वे मधेपुरा का भी आभार व्यक्त करना नही भूलते हैं, जहाँ से इनमे लेखन कला विकसित होनी शुरू हुई. मधेपुरा के युवाओं में इन्हें अपार संभावनाएं दीखती है. राजशेखर यहाँ के दो नाट्य संस्था 'इप्टा' और 'संवदिया' से भी जुड़े रहे हैं. इनका मानना है कि लोगों को पढाई के अलावा खेल-कूद, नाटक और संगीत की तरफ उदारता से देखना चाहिए और अपने बच्चों को प्रोत्साहित करना चाहिए. राजशेखर कहते हैं कि मुझे हमेशा संघर्ष के समय माँ-पापा और छोटे भाई शांतनु का संबल मिला.
मधेपुरा टाइम्स के बारे में राजशेखर खुद बताते हैं कि मैं अपने बिजी सिड्यूल में से भी कम से कम एक बार तो मधेपुरा टाइम्स पढ़ने का मौका निकाल ही लेता हूँ. मैं मधेपुरा टाइम्स तब से पढ़ रहा हूँ जब ये अपने इनिशियल फॉर्म में था. राजशेखर कहते हैं कि पता नही मधेपुरा के लोग इसे किस रूप में ले रहे होंगे पर बाहर रहने वाले मधेपुरा के लोगों के लिए ये बहुत ज्यादा महत्व रखता है.
मधेपुरा टाइम्स के बारे में राजशेखर खुद बताते हैं कि मैं अपने बिजी सिड्यूल में से भी कम से कम एक बार तो मधेपुरा टाइम्स पढ़ने का मौका निकाल ही लेता हूँ. मैं मधेपुरा टाइम्स तब से पढ़ रहा हूँ जब ये अपने इनिशियल फॉर्म में था. राजशेखर कहते हैं कि पता नही मधेपुरा के लोग इसे किस रूप में ले रहे होंगे पर बाहर रहने वाले मधेपुरा के लोगों के लिए ये बहुत ज्यादा महत्व रखता है.
अभी श्री राजशेखर मुंबई में ही रहकर बहुत सारे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है.निश्चित रूप से हम राजशेखर को एक दिन भारत के चोटी के गीतकारों में देखना चाहेंगे.मधेपुरा टाइम्स और मधेपुरा के लोगों की ओर से राजशेखर को उज्ज्वल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएं.
राजशेखर के लिखे गाने को सुनने के लिए नीचे क्लिक करें.
१. कितने दफे दिल ने कहा
२. रंगरेज मेरे
३. मनु भैया का करिहें
राजशेखर के लिखे गाने को सुनने के लिए नीचे क्लिक करें.
१. कितने दफे दिल ने कहा
२. रंगरेज मेरे
३. मनु भैया का करिहें
राजशेखर: संघर्ष से वॉलीवुड के आसमान में चमका मधेपुरा का एक सितारा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 04, 2011
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Wow... really feeling proud... that he is from my home town and pass out from my school(General high school) :).
ReplyDeleteWishing Rajashekar all the best for his future. And thanks to Madhepuratimes... :)
After reading this I am going to download the songs of " Tanu & Manu" .
ReplyDelete"होनहार विरवान के होत चिकने पात" प्रतिभा समपन्न श्री राजशेखर आज मधेपुरा के गौरव को भारत एवं विश्व के पटल पर शोभायमान किये हैं यह कोशी वासियों के लिये गर्व की बात हैं। हमारी शुभकामनाएं हमेशा इनके साथ हैं।
ReplyDeleteit's gr8 .i feel very proud that i belongs to madhepura 'congrats Mr. rajsekhar yadav .and specially thanks to madhepura times for such a nice news .love u madhepura times,,,,,,,,,,,,:)
ReplyDeleteVery Good news. I feel that Madhepura and Its habitants are progressing..... special thank to MADHEPURA TIMES who post this news on the net.
ReplyDeleteRajshekhar Sir congrats :)
ReplyDeleteCongratulations & Best Wishes for future.
ReplyDeleteमधेपुरा टाईम्स के संपादक मंडल और पाठकों को मेरा विनम्र अभिवादन..सभी साथियों को बहुत बहुत शुक्रिया आपकी दुआओं के लिए..जल्द ही मधेपुरा में मुलाकात होती है..
ReplyDeleteआपका , राज शेखर
Great Really for you lots best of luck for carrier.
ReplyDeletewah bhai sahab aapne to madhepura ka naam hi hila dia
ReplyDeleteaap apni pahchan ke sath madhepura ko bhi nayi pahchan diya.
ReplyDeletegod bles you .GUNJESH SINGH RATHORE
madhepura vasiyon ki aur se dher sari badhaiena. Asha hai age bhi aap madhepura ka nam roshan karte rahenge.
ReplyDeleteI really didn't know this, Thanks to madhepuratimes for making us know about rajshekhar.
ReplyDeleteAnd congrts to RAJSHEKHAR for making us proud