बीएन मंडल विश्वविद्यालय में शोधार्थी छात्र अरमान अली और छात्रा मौसम कुमारी के आत्मदाह की मांग को लेकर राष्ट्रपति को आवेदन देने के बाद दोनों पीड़ित छात्रों के न्याय के लिए संयुक्त छात्र संगठन (एनएसयूआइ, छात्र राजद, छात्र जदयू, युवा शक्ति, एआईएफएफ, आइसा,भीम आर्मी, छात्र लोजपा )
का छात्र न्याय सत्याग्रह दूसरे दिन हुआ सफल, सभी मांगें विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा मान ली गई। दोनों शोधार्थी को मिला न्याय।
इधर सत्याग्रह के दूसरे दिन संयुक्त छात्र संगठन विश्वविद्यालय प्रशासन के सद्बुद्धि हेतु यज्ञ करने की तैयारी कर रही थी। तभी कुलपति ने अपने प्रतिनिधि के तौर पर मानवीकी संकाय के डीन डॉ राजीव मलिक पार्वती साइंस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार यादव, प्रॉक्टर डॉ विमल सागर तथा छात्र कल्याण पदाधिकारी डॉ अशोक सिंह को भेज कर सत्याग्रह कर रहे छात्र नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कराया। उधर जिला प्रशासन मधेपुरा ने भी छात्र नेताओं से बातचीत कर समाधान की तरफ सकारात्मक पहल किया। इसके बाद छात्र नेताओं ने एक स्वर में कहा बगैर किसी शर्त निलंबन वापस हो जिस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने अपनी सहमति देते हुए दीक्षांत समारोह बाद निलंबन वापस करने की बात कही। इधर अन्य मांगों को भी विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा मान लिया गया और दोनों छात्रों का पीएचडी रजिस्ट्रेशन पत्र सोमवार को निर्गत करने की बात कही। इसके बाद दोनों छात्र नेताओं को बुलाकर वार्ता किया जिसपर जिस पर दोनों छात्र नेता अरमान अली और मौसम कुमारी ने सहमति जताते हुए आत्मदाह का का फैसला वापस लिया।
संयुक्त छात्र संगठन के छात्र नेता ने कहा कि यह आंदोलन छात्रों को न्याय दिलाने की लड़ाई थी। हम सभी छात्र संगठन नहीं चाह रहे थे कि देश में रोहित बेमुला जैसी कोई दूसरी घटना हो, इसलिए सभी छात्र संगठन जी जान लगाकर आर पार के मुड में आंदोलन करने का निर्णय लिया।
छात्र संगठनों से वार्ता के लिए आए पीएस कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ने कहा कि छात्र संगठन विश्वविद्यालय और कॉलेजों की आंख और कान होते हैं जो जो हमेशा विश्वविद्यालय प्रशासन को सभी वस्तु स्थिति से अवगत कराती है। बताया कि कुलपति ने छात्र संगठनों की बात मान लिया है और मुझे प्रतिनिधि के तौर पर छात्रों से वार्ता करने के लिए अधिकृत किया गया। प्रॉक्टर डॉ बिमल सागर ने कहा कुलपति ने बड़ा दिल दिखाते हुए दोनों छात्रों के साथ न्याय किया है कल सोमवार को दोनों छात्रों का पीएचडी रजिस्ट्रेशन पत्र दे दिया जाएगा वहीं दीक्षांत समारोह के बाद सभी छात्रों का एक साथ निलंबन वापस कर दिया जाएगा। कुलपति के द्वारा चार लोगों को छात्र संगठन से वार्ता के लिए अधिकृत किया गया, छात्र नेताओं ने हमारी बात को मान ली है ।
एनएसयूआइ के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने पक्षपात किया है। पूर्व के निलंबित छात्रों में कुछ विशेष संगठन के छात्रों को बगैर किसी शर्त पर पीएचडी रजिस्ट्रेशन दे दिया गया जबकि अन्य छात्रों को मानसिक तौर पर परेशान किया गया। आखिर किन के दबाव में कुलपति ने छात्रों के साथ या पक्षपात किया या सबसे बड़ा सवाल है। अगर पूर्व में ही दोनों छात्र नेताओं से वार्ता कर सकारात्मक पहल करती तो आज आंदोलन की नौबत नहीं आती। हम सभी छात्र संगठन ने लगातार कुलपति एवं सभी पदाधिकारी पहल के लिए अनुरोध किया लेकिन आखिर में मजबूर होकर छात्र न्याय सत्याग्रह किया गया, लेकिन जिला प्रशासन को विशेष धन्यवाद जिसने विश्वविद्यालय प्रशासन से सकारात्मक वार्ता के लिए लगातार दबाव बनाया। छात्र राजद के विश्वविद्यालय अध्यक्ष सोनु यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के हठधर्मिता के कारण दोनों शोधार्थी परेशान हुए और छात्र संगठनों को आंदोलन के लिए उतारू होना पड़ा। लेकिन देर से ही सही विश्वविद्यालय प्रशासन और कुलपति के द्वारा सकारात्मक कदम उठाया गया जो स्वागत योग्य है। छात्र जदयू के विश्वविद्यालय अध्यक्ष निखिल सिंह यादव ने कहा कि वर्तमान समय में विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हित में अगर निर्णय लेती तो इस तरह की नौबत नहीं आती। यह जीत छात्र संगठनों की एकता की जीत है। दोनों छात्र नेताओं की जान बचाना हम लोगों का मुख्य लक्ष्य था। युवा शक्ति नेता सौरभ यादव ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन की तानाशाही के खिलाफ संयुक्त छात्र संगठन के हुई जीत। छात्र न्याय सत्याग्रह से दो छात्रों की जान बची। जिला प्रशासन का पहल भी सकारात्मक रहा। आइसा के जिला संयोजक पावेल कुमार ने कहा कि यह लड़ाई विश्वविद्यालय में लोकतंत्र बचाने की लड़ाई थी तानाशाही विश्वविद्यालय प्रशासन लोकतंत्र को कुचलने के लिए उतारू थे। यह जीत विश्वविद्यालय में लोकतंत्र को बचाने की जीत है। एआइएसएफ छात्र नेता प्रभात रंजन ने कहा कि कुलपति अपने कुछ पसंदीदा छात्र संगठन के छात्रों को बिना किसी शर्त निलंबन वापस किया किंतु अन्य संगठनों को शपथ पत्र के बाद निलंबन वापस करने का निर्णय कुलपति के पक्षपात को दर्शाता है। भीम आर्मी के बिट्टू रावण, छात्र लोजपा के जसवीर पासवान ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पक्षपात पूर्ण निर्णय से हम सभी छात्र संगठन आहत हैं। कुलपति हम लोगों के साथ दोयम दर्जे की व्यवहार करते हैं यह आंदोलन इसी के खिलाफ था |
इस मौके पर एनएसयुआई के अंकित झा,छात्र राजद प्रदेश उपाध्यक्ष अमृत अमरकांत, नीतीश कुमार, संजीव कुमार, महाकाल यादव,राजा कुमार, शैलेन्द्र कुमार छात्र जदयू के सनोज यादव युवा शक्ति के निरंजन कुमार, सुमित कुमार, मौजूद थे |
(रिपोर्ट: मुरारी सिंह)
BNMU: छात्र न्याय सत्याग्रह सफल, विश्वविद्यालय प्रशासन ने मानी मांगें, आत्मदाह का फैसला वापस
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 16, 2025
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