डॉक्टर भारती ने बताया कि स्तनपान के समय मोबाइल को खुद से दूर रखें. उन्होंने कहा कि आजकल की लड़कियां नौकरी और पढ़ाई के चक्कर में देर से शादी कर रही है, जो मां बनने में बड़ी बाधा है. यह समझने की आवश्यकता है कि मां बनने की सही उम्र 25 से 35 वर्ष ही है. देर से शादी करने पर अंडाणुओं की कमी होने लगती है जो बांझपन की समस्या के रूप में सामने आती है. हालांकि वर्तमान परिवेश में आईवीएफ तकनीक की मदद से संतान सुख मिल रहा है. बड़े शहरों के साथ छोटे कस्बों में भी आईवीएफ का चलन बढ़ रहा है.
महिलाओं के लिए घातक है धूम्रपान. डॉ प्रो भारती के मुताबिक महिलाओं को धूम्रपान और शराब से परहेज करना चाहिए. ऐसा करने से उनकी सेहत के लिए और गर्भस्थ शिशु के लिए भी खतरनाक हो सकता है. जो महिलाएं धूम्रपान करती है उन्हें गर्भधारण करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. बांझपन बढ़ाने की एक प्रमुख वजह यह भी है. डॉ प्रो. भारती ने बताया कि आईवीएफ में रोबोटिक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल बढ़ रहा है. इससे अच्छे परिणाम भी आ रहे हैं. हालांकि छोटे शहरों में अभी इसकी पहुंच नहीं है.
(वि. सं.)

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