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प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी |
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विधायक, बिहारीगंज |
अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सीएचसी में परिवर्तित किया जाता है,तो इससे क्या सुविधाएं बढ़ेगी। बताते हैं कि इससे फायदा यह होगा कि मैन पावर बढ़ेगा, सभी विभाग के स्पेशलिस्ट डॉक्टर की उपलब्धता होगी तथा पद भी स्वीकृत होगा। जिसमें सर्जन,स्त्री रोग विशेषज्ञ तथा जीएनएम के 16 पद होंगे। साथ ही 6 डॉक्टर उक्त सीएचसी में कार्य करेंगे। जबकि वर्तमान समय में मात्र 6 बेड प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपलब्ध हैं । डॉक्टरों की संख्या एक मात्र है जिसके सहारे पूरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जा रहा है। जबकि आवश्यकता अभी भी चार चिकित्सक की है। स्वीकृत पद चार हैं जबकि वर्तमान में एक ही चिकित्सक कार्यरत है. दंत चिकित्सक के रूप में एक चिकित्सक कार्यरत है जबकि एएनएम का पद तीन स्वीकृत है. कार्यरत दो वहीं फार्मासिस्ट,लैब टेक्नीशियन, स्वास्थ्य प्रशिक्षक, ड्रेसर का एक-एक पद स्वीकृत है जो वर्तमान समय में शून्य चल रहा है तथा बीएचडब्लू का तीन पद सृजित है जो अभी शून्य है।
बिहारीगंज पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ समीर कुमार दास के अनुसार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन वर्ष 2021 में बनकर तैयार है लेकिन अब तक सीएचसी का दर्जा प्राप्त नहीं हो पाया है। राज्य स्वास्थ्य समिति से जो पत्र आता है उसमें सीएचसी लिखा रहता है। लेकिन जब जिला से पत्र जारी होता है, तो उसमें पीएचसी लिखा रहता है।
बिहारीगंज विधानसभा क्षेत्र के विधायक निरंजन कुमार मेहता से जब उपरोक्त संदर्भ में बात की गई तो उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कहा कि इससे पूर्व उन्होंने प्रश्न विधानसभा में दाखिल किया था. अगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा बिहारीगंज को नहीं मिला है वे इस मामले को गंभीरता पूर्वक दोबारा आने वाले विधानसभा सत्र में अपनी बात को रखेंगे।
(रिपोर्ट: रानी देवी)

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