सर्वप्रथम ऊँची कक्षा के बच्चों के लिए मधेपुरा से सिंहेश्वर मंदिर होते हुए नेपाल स्थित कोसी बैराज एवं विष्णु मंदिर गणपतगंज का परिभ्रमण कराया गया. परिभ्रमण के दौरान सभी छात्र छात्राएं काफी अनुशासित एवं सभ्य रहे. इसी दौरान वन भोज का भी आनंद सभी छात्र-छात्राओं ने लिया. सचमुच परिभ्रमण के दौरान छात्रों ने आपसी भाईचारा, दूसरे जगह की संस्कृति एवं यात्रा के दौरान जरूरत के सामानों का उपयोग इत्यादि के महत्व को समझा. उत्साहित छात्र छात्राओं ने स्वीकार किया कि परिभ्रमण के दौरान उन्होंने दूसरे देश के भौगोलिक बनावट, अपने देश भारत से नजदीकी एवं वाहन के सुरक्षा व्यवस्था एवं दूसरे देश की सुरक्षा व्यवस्था एवं बॉर्डर पर जांच पड़ताल एवं उसी 56 फाटक वाले फाटक के सामने खड़े होना, जहां पिछले दिनों पानी का जबरदस्त बहाव था और बच्चे केवल वैसे जगह को सोशल मीडिया के माध्यम से देख रहे थे और अब बच्चे उसी पुल पर चलकर रोमांचित थे. इन सब चीजों को बच्चों ने नजदीक से समझा और देखा.
परिभ्रमण के दौरान न केवल सभी शिक्षक शिक्षिकाएं बल्कि प्राचार्या श्रीमती रेखा गांगुली बच्चों को समय-समय पर आवश्यक निर्देश देती देखी गई. उन्होंने बताया कि अगर ऐसे ही सभी अभिभावकों का सहयोग उनके साथ मिलता रहा तो आने वाले दिनों में और भी बेहतर से बेहतर छात्रों के लिए करती रहेगी.
नेपाल के परिभ्रमण के समाप्त होने के ठीक बाद जूनियर वर्ग के छोटे-छोटे बच्चों को मधेपुरा स्थित एपीजे अब्दुल कलाम आजाद पार्क ले जाया गया, जहां बच्चे सबकुछ भूल कर शिक्षकों के साथ पूरी तरह अनुशासित होकर मस्ती करते नजर आए, पार्क में भी शिक्षकों के द्वारा किए जा रहे हैं बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार से भी सभी बच्चे गदगद थे. पार्क में मौजूद शिक्षिका ने बताया कि पढ़ाई के समय पढ़ाई वाला अनुशासन और जब हम लोग घूमने आए हैं तब यहां पर बच्चों संग मस्ती वाला अनुशासन, सचमुच बच्चों की मस्ती काबिले तारीफ थी।
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