सेमिनार का उद्धाटन वरीय अपर समहर्ता अरूण कुमार सिंह, वरीय चिकित्सक डा. अरूण कुमार मंडल, डॉ. बी राणा व डॉ. सीताराम यादव ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर एडीएम ने कहा कि लैब टेक्नीशियन स्वास्थ्य व्यवस्था की रीढ़ होते हैं। कोरोना काल में टेक्नीशियन ने बेहतर कार्य कर भारत ही नहीं पूरी दुनिया को अपनी ताकत व क्षमता का अहसास कराया। उन्होंने कहा कि आज भी देश में बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को सढृढ़ करना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि इस मामले में लैब टेक्नीशियन मजबूत भूमिका निभा सकते हैं।
वरीय चिकित्सक डा. अरूण कुमार मंडल ने कहा कि कभी बेहतर जांच के लिए मधेपुरा के लोगों को बाहर जाने को सोचना पड़ता था लेकिन अब इस तरह की सुविधा मधेपुरा में मिल रही है। डॉ. सीताराम यादव ने कहा कि लैब टेक्नीशियन के बेहतर तकनीक ने हमलोगों के इलाज को और आसान बना दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मनमोहन दास ने कहा कि हमलोग बेहतर से बेहतर तरीका जांच के मध्यम से कर रहे हैं ताकि लोगों को बेहतर इलाज हो सके।
राष्ट्रीय महासचिव देवेन्द्र प्रसाद ने कहा कि अब समय आ गया है कि अब अपने टेक्नॉलाजी को और बेहतर बनाए। इससे देश में इलाज भी और सस्ता हो जाएगा। क्रोनिकल अमाल्टा के राष्ट्रीय सम्पादक अखिलेश्वर प्रसाद ने कहा कि टेक्निशयन अपने विवेक का इस्तेमाल करे, ताकि अधिक से अधिक मेडिकल लैब टेक्नीशियन खुले मन और तकनीकी पक्ष को ध्यान में रखकर काम कर सके। सेमिनार के द्वितीय सेशन में टाटा से आए गेस्ट डॉ. संतोष कुमार, एम्स पटना के डॉ. शैलेन्द्र कुमार ने मेडिकल लैब टेक्नीशियन के समक्ष आ रही तकनीकि समस्या को दूर करने के टिप्स दिये। आयोजन समिति के अध्यक्ष गजेंद्र कुमार यादव ने कहा कि मधेपुरा जैसे सुदूर क्षेत्र में इस तरह के कार्यक्रम का होना तथा बिहार के सभी जिले के प्रतिनिधि का पहुंचना सिद्ध करता है मेडिकल लैब टेक्नीशियन के ही हित में सरकार निर्णय लेते हुए अपने राज्य के स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करें तभी बिहार का भविष्य उज्जवल हो सकेगा। अपने स्वागत भाषण में जिला सचिव मनोज कुमार ने कहा कि मेडिकल लैब टेक्नीशियन के बिना स्वास्थ्य महकमा कभी मजबूत नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम मेडिकल लैब टेक्नीशियन अपनी एकजुटता बनाए रखे। मौके पर बिहार अमाल्टा के अध्यक्ष हरेराम राय, सुपौल के अध्यक्ष सुमन सिंह समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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