बताया कि स्पष्ट रूप से सोचने और दैनिक कार्यकलापों को करने में कठिनाई होना, बार-बार नकारात्मक विचारों का आना,आदत मन इच्छा और एकाग्रता का अचानक परिवर्तन होना, वैसी चीजों को देखना और सुनना जो आसपास मौजूद नहीं हो.आत्महत्या का विचार आना, आत्महत्या करने का प्रयास करना, बिना चिकित्सालय के औषधि का अत्यधिक सेवन करना आदि इन सभी लक्षणों में दिखाई देने पर बिना किसी देरी किए हुए नजदीक स्वास्थ्य संस्थान में मनोचिकित्सक से दिखाकर आवश्यक परामर्श लेना सुनिश्चित किया जाए, जिससे कि मानसिक रोग से बचा जा सके.
कार्यक्रम में सृजन दर्पण के सचिव सह युवा रंगकर्मी विकास कुमार लिखित और निर्देशित 'जीवन चेतना' नामक नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया. गीत, नृत्य और लघु नाटिका के जरिए जन मानस को जागरूक करने का रंगकर्मियों ने प्रयास किया कि कैसे बच्चों सहित युवाओं में युवावस्था की परेशानियों से होने वाले डिप्रेशन के कारण, आत्महत्या करने और उनसे परिवारों को होने वाली समस्याओं का चित्रण करते हुए आम लोगों को किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जिला अस्पताल में स्थित स्पर्श क्लीनिक में उपचार कराने की सलाह दी.
इसमें मुख्य किरदार रंगकर्मी बिकास कुमार, रंजीत कुमार, सौरभ कुमार, भवेश कुमार, संध्या यादव, निशा कुमारी, शिवानी कुमारी, रेशम कुमारी, सृष्टि कुमारी और मौसम कुमारी ने अपने संदेश मूलक मंचन से जागरूक करने की कोशिश की. कलाकारों ने जीवंत प्रस्तुति से बताया कि लोगों के जीवन में तेजी से बढ़ते मानसिक विकार वैश्विक स्वास्थ्य के लिए बड़ा जोखिम है. बदलते समय के साथ इसका खतरा और भी बढ़ता जा रहा है. मंचन से जुड़े संवाद के जरिए यह भी कहा कि 15 वर्ष से कम आयु वाले बच्चे भी इसके शिकार होते जा रहे हैं. उनके जीवन की लाइफस्टाइल, आहार में गड़बड़ी को इन विकारों का प्रमुख कारण बताया है. कुछ पर्यावरणीय और सामाजिक व परिवारीक परिस्थितयां भी जोखिमों को बढ़ाने वाली हो सकती हैं. रंगकर्मियों ने कार्यक्रम में मजूद दर्शकों को अपने मन को स्वस्थ रखने के लिए निरंतर प्रयास करते रहने का अपील किया.
इस अवसर पर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, डॉ विपिन कुमार, डॉ शशि कुमार, डॉ. संजय कुमार, डॉ. प्राची आनंद, डा० अमना, DTO, DPM, प्रिंस, DPC संजीव कुमार, HM, नवनीत चन्द्रा, बिमल कुमार, स्टाफ नर्स संध्या कुमारी, पंकज कुमार, दीपक कुमार और सभी हेल्थ कर्मी मौजूद थे.

No comments: