स्थानीय ग्रामीण रमन कुमार यादव मीरागढ़ वार्ड नंबर 5 ने बताया कि बगल में बलुआहा नदी के लोकल बालू और घटिया किस्म के निम्न ग्रेड के सीमेंट के जो बोरे के अंदर जमे हुए थे, के साथ-साथ घटिया गिट्टी का भी पूरी तरह सड़कों के नीचे बिछाए जाने वाले बड़े मिट्टी लगे गिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है.
बिना प्राक्कलन बोर्ड के ही पन्द्रह दिनों से करवाया जा रहा था निर्माण
वहीं ग्रामीणों ने बताया कि निर्माण स्थल पर प्राक्कलन बोर्ड भी नहीं लगाया गया है. किस योजना के तहत कितने रुपए की लागत से यह पुल का निर्माण हो रहा है इसकी भी जानकारी संवेदक के द्वारा स्थानीय लोगों को नहीं दी जाती है. स्थानीय निवासी मनोज कुमार घर वार्ड नंबर 5 ने बताया कि ढाई हजार आबादी वाले इस गांव का एकमात्र मुख्य सड़क होने के कारण छोटी एवं बड़ी वाहन भी इसी रास्ते से गुजरती है. पुल का निर्माण नियम के अनुरूप नहीं कराया गया तो कभी भी क्षतिग्रस्त हो सकता है. स्थानीय लोगों ने इस मामले में जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि निर्माण में हो रहे अनियमितता एवं गुणवत्ता की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए. पुल को नियमानुरूप बनवाया जाए, ताकि भविष्य में कोई हादसा ना हो.
दरअसल जानकारी के अनुसार यह पुल का निर्माण संध्या सौरव कंस्ट्रक्शन के द्वारा कराया जा रहा है. पुल निर्माण में बेहद ही घटिया किस्म के सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है. निर्माण स्थल पर लोकल बालू और घटिया किस्म का सीमेंट, घटिया गिट्टी काफी मात्रा पाया गया. जिस सामग्री से ही निर्माण का कार्य चल रहा था लेकिन स्थानीय आक्रोशित लोगों ने दोपहर को निर्माण कार्य अवरुद्ध कराते हुए पुल निर्माण की जांच की मांग उठाई है.
वहीं इस मामले में मौके पर काम करवा रहे संवेदक के मुंशी अजमल इमाम जो जमुई के रहने वाले हैं, से जब पुल निर्माण में घटिया सामग्री प्रयोग करने व प्राक्कलन की बोर्ड के मामले में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार किया. इस मामले में ग्रामीण विकास कार्य विभाग के कनीय अभियंता केशव कुमार से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि घटिया सामग्री से निर्माण किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं होगी. गुणवत्तापूर्ण व नियमानुरूप निर्माण कार्य संवेदक को हर हाल में करना होगा. उन्होंने इस पूरे मामले की जांच कर कार्रवाई करने की बात कही है.

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