

हाथों में दो पैसे कैसे आए और परिवार की गाड़ी कैसे चलें इसको लेकर वे जद्दोजहद कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में पोषण वाटिका की स्थापना एवं स्वरोजगार सृजन कर अपना जीवन यापन आसानी से कर सकते हैं।
उक्त बातें कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. विपुल कुमार मंडल ने कृषि विज्ञान केंद्र के सभागार में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के दौरान कही। उन्होंने पोषण वाटिका की स्थापना एवं स्वरोजगार सृजन विषय पर कहा कि वाटिका की स्थापना कर एवं उन्नत किस्म के पौधों को तैयार कर उसे बेचकर आमदनी प्राप्त कर सकते हैं जो एक रोजगार का बेहतर साधन है।
कार्यक्रम का उदघाट्न संयुक्त रुप से जदयू महिला प्रकोष्ठ के अध्यक्ष मंजू कुमारी उर्फ गुड्डी देवी, कोशी प्रमंडल, सहरसा के संयुक्त निदेशक शस्य यदुनंदन यादव, सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण संजीव कुमार तांती एवं सहायक निदेशक, उद्यान किरण भारती ने किया।
इसके बाद अतिथियों ने किसानों के बीच प्रमाण-पत्र का वितरण किए। उद्घाटन भाषण में श्रीमति मंजू ने बताया कि कैसे पोषण वाटिका स्थापित कर लगाकर रोजगार किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि कोई भी कार्य छोटा-बड़ा नहीं होता है। अपने जीविकोपार्जन हेतु सभी कार्यो को एक समान समझ कर ईमानदारी पूर्वक करना चाहिए। बता दें कि कृषि विज्ञान केन्द्र, मधेपुरा में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम जो ग्रामीण कल्याण रोजगार अभियान के तहत छह अगस्त को पोषण वाटिका की स्थापना एवं रोजगार सृजन के साथ-साथ निरंतर एवं सुनिश्चित आय हेतु समेकित कृषि प्रणाली विषय पर शुरू हुआ था उसमें 35 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया।
(कुमारी मंजू)
'पोषण वाटिका की स्थापना कर स्वरोजगार कर सकते हैं आर्थिक तंगी से गुजर रहे लोग'
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 08, 2020
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