
ऐसे में किसानो की तकदीर और तस्वीर कैसे बदल सकती है । बड़े
किसानो का कर्ज तो सरकार माफ कर देती है। लेकिन बटाई पर खेती करने वाले का कर्ज
माफ क्यों नही होता है। आखिर यहां के किसान क्यों नही पारंपरिक बीज का उत्पादन कर
पाते है। कृषि विभाग क्यों कार्पोरेट घराने के तैयार बीज बोने को प्रोत्साहित करती
है। जबतक ग्रामीण क्षेत्र में कृषि का आधुनिकीकरण नही किया जायेगा तबतक देश से
दिनानुदिन किसानो की संख्या कम होती चली जायेगी।
उक्त बातें मधेपुरा के सांसद सह जनअधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के संरक्षक राजेश
रंजन उर्फ पप्पू यादव नें बसंत पंचमी पर 1978 से लगातार हर वर्ष लगाये जा रहे प्रखंड के कुरसंडी पंचायत
अंतर्गत मध्य विद्यालय बलिया के मैदान में कृषि यांत्रिकरण सह उपादान मेला के
शुभारंभ के अवसर पर बुधवार को कहा ।
उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए सांसद ने कहा कि इस
क्षेत्र के किसानों के लिये कोई भी बाजार उपलब्ध नहीं है. अगर छोटे किसानों की
हालत में सुधार करनी है, तो सरकार उसे पानी और बीज नि:शुल्क मुहैया करावे. उचित बाजार एवं संसाधन का
अभाव है. वर्षों पूर्व इस क्षेत्र में उत्तम किस्म के जूट की खेती वृहत पैमाने पर
की जाती थी लेकिन अब स्थिति यह है की जब जूट का समय आता है तो तालाब,
नहर व नदी में पानी ही नहीं रहता है. जो पानी कोसी व मिथिला
के लिये वरदान साबित हुआ करती थी वह अब सरकार की कुव्यवस्था के कारण अभिशाप बनकर
रह गयी है.
कार्यक्रम की अध्यक्षता पुरैनी प्रखंड प्रमुख जयप्रकाश सिंह ने की. मौके पर
आत्मा परियोजना निदेशक राजन बालन, जिला कृषि पदाधिकारी यदुनंदन प्रसाद यादव,
जिला उद्यान पदाधिकारी अजय कुमार सिंह,
कृषि वैज्ञानिक डा मिथिलेश कुमार राय,
इंस्पेक्टर निजामुलहक, थानाध्यक्ष राजेश कुमार रंजन, प्रखंड कृषि पदाधिकारी सुभाष प्रसाद
सिंह आदि तथा काफी संख्या में क्षेत्र के किसान व महिला
उपस्थित थे.
किसानों को नहीं मिल रही फसलों की वाजिब कीमत : सांसद पप्पू यादव
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
January 24, 2018
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