बिहारीगंज की घटना को चौसा की तहजीब का तमाचा: एक ही मैदान में दुर्गापूजा और मुहर्रम, दुर्गापूजा में सम्मिलित हुए मुस्लिम तो हिन्दूओं ने खेली मुहर्रम की झरनी (वीडियो)
‘मजहब
नहीं सिखाता आपस में बैर रखना’.
धर्म की आड़ में अशांति फैलाने वालों का कोई धर्म नहीं होता. ये वो असामाजिक तत्व होते
हैं जो इस आड़ में कहीं न कहीं अपनी रोटी सेंकते हैं.
मधेपुरा जिले भर
में बिहारीगंज को छोड़कर हर जगह दुर्गापूजा
और मुहर्रम शांतिपूर्वक तरीके से मनाया गया है. दोनों समुदाय के लोगों ने एक-दूसरे
का सम्मान करते कई जगहों पर एक-दूसरे को मदद भी की. बिहारीगंज की घटना को चौसा प्रखंड के ऐतिहासिक गंगा यमुना तहजीब से जोरदार तमाचा लगा है. चौसा के लोगों
ने साम्प्रदायिक सद्भाव की अनूठी मिसाल पेश कर एक अभूतपूर्व सन्देश दे दिया. चौसा में
एक ही मैदान में एक ओर देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है तो दूसरी तरफ मुहर्रम के 13 ताजिया 14 अखाड़े एक साथ स्थापित. दोनों समुदाय ने मिलकर लगाया मानव मेला तो इस बात को बल मिलता दिखा कि मानव
धर्म से बढ़कर कोई धर्म नहीं और जो धर्म आपसी प्रेम और सद्भाव न सिखाता हो, वो धर्म
नहीं. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने दुर्गापूजा में शामिल होकर तो हिन्दुओं ने मुहर्रम की झरनी खेलकर एकता की अद्भुत मिसाल पेश की. बड़े बुजुर्ग कहते हैं की इस तरह के मेले का आयोजन आज से 36 वर्ष पूर्व भी देखने को मिला है, लेकिन वह जमाना कुछ और था और अभी कुछ और है.
हज़रत इमाम हुसैन के शहादत के ग़म में मनाये जाने वाले मुहर्र्म मेला को लेकर जनता उच्च विद्यालय चौसा के मैदान में जहाँ एक तरफ देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है वही दूसरी तरफ 13 ताजिया और 14 अखाड़े (टीम) स्थापित है. यहाँ तक की झड़नी खेलने में मजे से हिन्दू समुदाय के लोग झूम झूम कर गा रहे थे.
हज़रत इमाम हुसैन के शहादत के ग़म में मनाये जाने वाले मुहर्र्म मेला को लेकर जनता उच्च विद्यालय चौसा के मैदान में जहाँ एक तरफ देवी दुर्गा की प्रतिमा स्थापित है वही दूसरी तरफ 13 ताजिया और 14 अखाड़े (टीम) स्थापित है. यहाँ तक की झड़नी खेलने में मजे से हिन्दू समुदाय के लोग झूम झूम कर गा रहे थे.
बिहारीगंज की घटना को चौसा की तहजीब का तमाचा: एक ही मैदान में दुर्गापूजा और मुहर्रम, दुर्गापूजा में सम्मिलित हुए मुस्लिम तो हिन्दूओं ने खेली मुहर्रम की झरनी (वीडियो)
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 12, 2016
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वाह,अभूतपूर्व,यहाँ के लोगों द्वारा सच में गंगा जमुनी बहजीब की अनूठी मिशाल कायम की गई।लाजवाब,नेतओं को इनसे कुछ सीख लेनी चाहिए।
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