
बताया जाता है कि मधेपुरा के बी.एन. मंडल विश्वविद्यालय में बी.एड. में नामांकन के लिए सीटों की भारी किल्लत है. और इससे भी बड़ी समस्या बी. एन. एम. यू., मधेपुरा में बी.एड. करने के इच्छुक छात्रों के लिए उम्र भी निर्धारित है जो सिर्फ 35 वर्ष है. छात्र शाहनवाज कहते हैं कि बिहार के अन्य विश्वविद्यालय सहित अन्य राज्यों में भी बी. एड. में नामांकन के लिए उम्र की कोई अधिकतम सीमा निर्धारित नहीं है. ऐसे में यहाँ के छात्रों को विश्वविद्यालय का यह रवैया पक्षपातपूर्ण और हतोत्साहित करने वाला लगता है.
बी.एड. की पढ़ाई और नामांकन पर पूरी बात बताते हुए एबीवीपी के छात्र नेता राहुल यादव कहते हैं कि मंडल यूनिवर्सिटी में बी.एड. की पढ़ाई कम ही कॉलेज में हैं और प्रत्येक कॉलेज में सिर्फ एक सौ सीट प्रत्येक निर्धारित है. मधेपुरा में सिर्फ चार सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों में ही बी.एड. की पढ़ाई हो रही है. पार्वती सायंस कॉलेज, टीपी कॉलेज, मधेपुरा कॉलेज, मधेपुरा और एमपी कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन को ही बी.एड. की पढ़ाई के लिए मान्यता प्राप्त है.
राहुल बताते हैं कि सहरसा में भी चार कॉलेजों में पढ़ाई हो रही है. जबकि अररिया, किशनगंज और पूर्णियां में एक भी सरकारी कॉलेज में इसकी व्यवस्था नहीं है और मंडल विश्वविद्यालय के छात्रों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. एक बड़ी समस्या सरकारी और प्राइवेट कॉलेजों के शुल्कों में भी दुगुने का अंतर होना है, जबकि सरकार सामान शुल्क की बात कहती है. नामांकन अब अंकों के आधार पर होने लगा है, पर अधिकतम उम्र निर्धारित होने की वजह से नियमित छात्र के अलावे अन्य के नामांकन में समस्या है.
बी.एन.एम.यू. में बी.एड. में नामांकन में छात्रों के सामने कई समस्याएं
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
April 21, 2016
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