(03 फरवरी 2013)
जिले में पत्रकारों की करतूत और कार्यशैली ने बहुत
से पाठकों को कन्फ्यूज्ड कर रख दिया है. आधारहीन खबरों और गलत जानकारी के
कारण पाठकों का सामान्य ज्ञान भी धाराशायी हो रहा है और ऐसे में बच्चों और छात्रों
के भविष्य को इस नसीहत के साथ ही बचाया जा सकता है कि ऐसे समाचारों को पढ़ना है तो
पढ़ लो परन्तु भरोसा मत करना वर्ना परीक्षा में फेल करते-करते पत्रकार ही बन जाओगे.
एक
दैनिक अखबार के मधेपुरा पृष्ठ पर आज रविवार को एक खबर छपी है कि जिला मुख्यालय के
गौतम इन्फोटेक कम्प्यूटर सेंटर में पशुओं की इलाज करने वाले चिकित्सकों का
पांच दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. खबर के अनुसार इस मौके पर उपस्थित रहने वालों में
जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह भी थे.
खबर
पढ़कर कई लोग हुए हैरान-परेशान. बता दें कि गौतम इन्फोटेक में गत 31 जनवरी-01 फरवरी
की रात को ही भीषण चोरी की घटना हुई और अब वहां फिलहाल प्रशिक्षण देने के लिए कोई
भी व्यवस्था नहीं है. पुलिस अनुसंधान में लगी है और संस्था के निदेशक अभी समझ नहीं
पा रहे है कि ऐसी विषम परिस्थिति से कैसे बाहर निकला जाय. ऐसे में यहाँ आज
प्रशिक्षण की खबर पढ़कर लोग अचंभित रह गए. बाद में लोगों को पता चला कि ये खबर गत
28 जनवरी को ही छपनी थी जिसे एक सप्ताह के बाद उस समय प्रकाशित किया गया जब ये
संस्था अभूतपूर्व संकट के दौर से गुजर रहा है. खबर में जिला सूचना जनसंपर्क
पदाधिकारी सुनील कुमार सिंह को बताया गया है जबकि जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी
धर्मेन्द्र कुमार हैं. पता चला कि जिला सूचना विज्ञान अधिकारी सुनील कुमार सिंह
को इस खबर में जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी बना दिया गया है.
पढ़ाई
में फिसड्डी और पिछले बेंच पर बैठकर अगल-बगल झांक कर परीक्षा पास करने वाले जब
पत्रकारिता जैसे गंभीर पेशे को गलती से अपना लेंगे तो जाहिर सी बात है अखबार का
स्तर भी गिरेगा. यहाँ आवश्यकता है प्रबंधन को विशेष ध्यान देने की वर्ना ऐसे
पत्रकारों की करतूत से विश्व में सबसे ज्यादा पढ़ा जाने वाला अखबार मोहल्ले का सबसे
कम पढ़ा जाने वाला अखबार बन कर रह जाएगा.
(वि० सं०)
खबर का दिवालियापन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 03, 2013
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