मेरी Day Dreaming की अब.
कोई तय Speed Limit नही है.
भले हो Mood शायराना भी अब,
तो Paper पे Words की Vomit नही है.
...
जिंदगी की टहनियों पर अब,
लहराता कोई Ambition नही है.
किस राह चलूँ, क्यूँ चलूँ अब,
यहाँ कोई Condition नही है.
...
सोचता हूँ कि हूँ कहाँ अब,
जगह मेरी Certain नही है.
हो गया हूँ बेपर्द यहाँ अब,
Life में कोई Curtain नही है.
...
मत लो चटखारे, जख्मों पर अब,
तुम्हारी खातिर वो Story -Teller नही है.
लगा लो Full-Stop, क़दमों पर अब,
'मुसाफिर' अब तू Traveller नही है.
कोई तय Speed Limit नही है.
भले हो Mood शायराना भी अब,
तो Paper पे Words की Vomit नही है.
...
जिंदगी की टहनियों पर अब,
लहराता कोई Ambition नही है.
किस राह चलूँ, क्यूँ चलूँ अब,
यहाँ कोई Condition नही है.
...
सोचता हूँ कि हूँ कहाँ अब,
जगह मेरी Certain नही है.
हो गया हूँ बेपर्द यहाँ अब,
Life में कोई Curtain नही है.
...
मत लो चटखारे, जख्मों पर अब,
तुम्हारी खातिर वो Story -Teller नही है.
लगा लो Full-Stop, क़दमों पर अब,
'मुसाफिर' अब तू Traveller नही है.
--सुब्रत गौतम " मुसाफिर"
Certain नही है...
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 10, 2011
Rating:
सुब्रत गौतम " मुसाफिर" ji -kafi mast hain.jitni bhi tarif ki jaaye kam hain.
ReplyDeleteNice one, Bro. . .
ReplyDelete