रूद्र ना० यादव/०९ दिसंबर २०११
थाईलैंड से जब रूपचंदा मधेपुरा आई तो पूरे बिहार की नजर इस पर थी.बिहार में इसका भविष्य कैसा होगा, इस पर कई विशेषज्ञों की नजर टिकी हुई थी.बिहार सरकार ने रूपचंदा नामक इस मछली का जब बिहार में उत्पादन करने का निर्णय लिया तो इसके लिए उन्होंने मधेपुरा जिले के मुरहो निवासी मत्स्यकिसान ज्योति प्रसाद मंडल को इस मछली को प्रयोग के तौर पर उत्पादित करने को कहा.मुरहो में जब इस मछली का उत्पादन प्रयोग के तौर पर शुरू हुआ तो कम से कम ज्योति प्रसाद मंडल को इस बात का पूरा भरोसा था कि प्रयोग सफल होगा और इस अत्यंत ही लजीज मछली का स्वाद अब बिहार के लोग भी ले सकेंगे.और हुआ भी वही,मुरहो में एक विशेषज्ञ किसान के द्वारा किये गए उत्पादन में सबसे आश्चर्य की बात तो ये रही कि थाईलैंड की तुलना में इसका उत्पादन करीब दो गुना रहा.अब सरकार इसे पूरे बिहार में उत्पादित करने का मन बना रही है जिसमें मधेपुरा इस क्षेत्र में पूरे बिहार के मत्स्यकिसान को दिशा निर्देश देगा.
रूपचंदा मधेपुरा आकर निखर चुकी है और अब जल्द ही यहाँ के लोगों की थाली में रूपचंदा नजर आयेगी.
थाईलैंड से मधेपुरा आकर निखर गयी रूपचंदा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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December 09, 2011
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