हालांकि, विरोध प्रदर्शन से पहले ही सभी सदस्य बैठक हॉल में पहुंच चुके थे. इस कारण बैठक में कोई व्यवधान उत्पन्न नहीं हुई. विश्वविद्यालय की ओर से वार्ता के लिए प्रॉक्टर डॉ. विमल सागर और परिसंपदा पदाधिकारी डॉ. अशोक पौद्दार पहुंचे. लगभग एक घंटे तक विरोध प्रदर्शन के बाद लिखित आश्वासन मिलने पर आंदोलन समाप्त कर दिया.
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि विश्वविद्यालय में छात्रों का कोई भी काम समय पर नहीं होता है. मूल प्रमाण-पत्र के लिए आवेदन करने वाले छात्रों को एक साल बाद प्रमाण पत्र दिया जाता है. इस कारण छात्रों को काफी परेशानी होती है. विश्वविद्यालय कैंपस में शुद्ध पेयजल, शौचालय और बैठने आदि की भी व्यवस्था नहीं है. कई बार मांग पत्र दिया गया, लेकिन अब तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुआ है. युवा राजद के प्रधान महासचिव संजीव कुमार और छात्र राजद के जिलाध्यक्ष निखिल यादव ने कहा कि यूजीसी के संशोधित नियम के आधार पर पीएचडी एडमिशन टेस्ट-2022 व 2023 में हिंदी, राजनीतिक शास्त्र, इतिहास, समाजशास्त्र और अंग्रेजी विषय में शीघ्र सीट वृद्धि किया जाए. संगीत विषय को भी पीएचडी टेस्ट में शामिल किया जाए.
इस अवसर पर पूर्व विश्वविद्यालय अध्यक्ष किशोर कुमार, मंजेश यादव, रीतेश कुमार यादव, किशोर यादव, नितेश कुमार, चंदन कुमार, सिंटू कुमार समेत अन्य मौजूद थे.
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