साइबर फ्रॉड के शिकार: धोखाधड़ी से बैंक में मजदूरों का खाता खुलवाया फिर उन खातों से हुए करोड़ों के ट्रांजैक्शन
धोखाधड़ी से मुरलीगंज केनरा बैंक मे 2023 में पहले उदाकिशुनगंज के मजदूरों का खाता खुलवाया फिर उन खातों से हुए करोड़ों के ट्रांजैक्शन, फिर 3.27 करोड़ किया लेनदेन,(क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम)सी ई एन क्राइम पुलिस स्टेशन हुबली धारवाड़, कर्नाटक में खाताधारकों खिलाफ मामला दर्ज है. कन्या विवाह योजना का लाभ दिलाने के हरेराम सहनी व मो. कलीम नाम पर बेटी की शादी में एक-एक लाख रुपए खाता में भेजने का वादा कर खुलवाया खाता.
मंगलवार मुरलीगंज थाना में आवेदन देने पहुंचे उदाकिशनगंज प्रखंड के मधुबन पंचायत के वार्ड छः में रहने वाले दर्जनों मजदूर साइबर फ्रॉड के शिकार हो गए। इन मजदूरों के खाते से साइबर ठगों ने करोड़ों रुपए की निकासी कर ली। केवल चार खाते से ही 3.27 करोड़ रुपए निकाल लिए। सबसे पहले उन लोगों ने बैंक जाकर अपने नाम के खाते की जानकारी और उनके ट्रांजैक्शन के सैकड़ो पन्नों के डिटेल प्राप्त किया जिनके खाते में ट्रांजेक्शन हुआ.
मामले में जानकारी देते गजेंद्र सहनी ने बताया कि उनकी पत्नी सीता देवी के नाम पर एवं अन्य मजदूर की पत्नी के नाम पर मुरलीगंज लाकर खाते खुलवाए गए. गजेंद्र सहनी की पत्नी ने बताया कि हमारे मालिक तो पंजाब दिल्ली कमाने गए थे. हमारे पड़ोसी गजेंद्र सहनी के पुत्र हरेराम सहनी और उनके सहयोगी, मो. कलीम की बातों में आकर मुरलीगंज स्थित केनरा बैंक में जाकर खाता खुलवाया था। गजेंद्र सहनी अपने ही पैसे से बोलेरो में बैठाकर मुरलीगंज केनरा बैंक लाए थे यहां हम लोगों के खाते खुलवाने के नाम पर हस्ताक्षर एवं अंगूठा लगवाए थे. एक साल बीत जाने के बाद भी इनलोगों को न तो खाता नंबर दिया, न ही पासबुक दिया, लेकिन इन खातों में ट्रांजेक्शन होता रहा।
मजदूरों के आधार कार्ड समेत अन्य दस्तावेज की मदद से यूपीआई और नेफ्ट के जरिए रुपए की निकासी की। इस बात का खुलासा ट्रांजेक्शन डिटेल से हुआ है। जब इन लोगों को कर्नाटक के हुबली धारवाड़ जिले के सीईएन क्राइम पुलिस स्टेशन में 5 दिनों के अंदर उपस्थित होने का नोटिस मिला तो परेशान मजदूर आज मुरलीगंज थाने पहुंचकर थाना न्याय की गुहार लगाई. आवेदन देने के उपरांत चारों महिलाओं ने बताया कि हमलोगों से तो हरेराम सहनी और उनके सहयोगी मो.कलीम ने कन्या विवाह योजना का लाभ दिलाने के नाम पर बेटी की शादी में एक-एक लाख रुपए खाता में भेजने का झांसा देकर कर खाता खुलवाया था।
इसके एवज में पहले किसी से 10 हजार तो किसी से 5 हजार रुपए भी दोनों ने लिया। इसके बाद मुरलीगंज के केनरा बैंक में सभी को ले जाकर कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर सभी का खाता खुलवाया।
एक साल बाद सीईएन क्राइम पुलिस स्टेशन हुबली धारवाड़, कर्नाटक से खाताधारकों को नोटिस आना शुरू हुआ है। नोटिस में सभी खाताधारकों को 5 दिन के अंदर सीईएन क्राइम पुलिस स्टेशन हुबली में उपस्थित होने को कहा गया तो मजदूरों पैरों के नीचे से जमीन खिसकने लगी।
मजदूरों ने इस बाबत थाना में आवेदन देकर ठगी की शिकायत की। इस संबंध में मुरलीगंज केनरा बैंक के मैनेजर ऋतुराज ने बताया कि संभावना है कि पीड़ित पक्ष से साइबर क्राइम से जुड़े लोग इस तरह के खाते खुलवाते हैं। हालांकि यह जांच का विषय है। संदिग्ध खाते में ट्रांजेक्शन अधिक होने पर खाता स्वतः बंद हो जाता है या फिर जांच के लिए पत्र आता है। इसके बाद हमलोग खाताधारी से डिटेल मांगते हैं। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ होगा।
इस तरह मजदूर वर्ग के लोग पैसे की लालच में जल्द ही साइबर ठगी के शिकार हो जाते हैं बिना जाने कि पूरे मामले का तकनीकी पक्ष क्या है। इसी कारण से शिकार होते हैं।
नोटिस मिलने के बाद मात्र चार लोग के ही खाते की जांच कराई तो करोड़ों के हेरा-फेरी का मामला सामने आया। काजल देवी के खाते में एक साल के अंदर 1 करोड़ 36 लाख 28 हजार 960 रुपए जमा हुए और फिर सभी राशि की निकासी भी हो गई। रंजू देवी के खाते में 1 साल के अंदर 1 करोड़ 41 लाख 481 रुपए जमा हुए। इसमें से एक करोड़ 39 लाख 60 हजार 795 रुपए की निकासी हो गई। राजेंद्र साहनी के खाते में 21 लाख 79 हजार 437 रुपए जमा हुए और सभी राशि की निकासी हो गई। सीता देवी के खाते में 49 लाख 60 हजार 621 रुपए जमा हुए. सभी राशि की निकासी हो गई। इनमें से किसी मुरलीगंज बैंक शाखा से खाताधारक ने न तो कोई राशि अपने खाता में जमा की थी और न ही किसी तरह की निकासी की गई। इन लोगों को तो खाता नंबर तक पता नहीं था तो फिर कितनी बड़ी राशि जमा और निकासी कैसे हुई? अब तक यह भी स्पष्ट नहीं हुआ कि ये रुपए इन मजदूरों के खाते में आए कहां से और निकासी किस जगह हुई।
मुरलीगंज थानाध्यक्ष अजीत कुमार ने बताया कि इन लोगों के ऊपर पहले ही (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्किंग सिस्टम) सी ई एन क्राइम पुलिस स्टेशन हुबली धारवाड़, कर्नाटक से खाताधारकों खिलाफ मामला दर्ज है तो फिर यह लोग आरोपी है तो इन लोगों का केस कैसे अभी दर्ज होगा. मामले में कोई विशेष दिशा निर्देश अभी तक प्राप्त नहीं हुआ है.

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