बताया गया कि पीएचडी कोर्स वर्क परीक्षा की मांग को लेकर पीएचडी 2021 के 10 विषयों के शोधार्थी छात्र ने एक बैठक कर अविलंब परीक्षा की मांग को लेकर बीएनएमयू की नवनियुक्त कुलपति डॉ बिमलेंदु शेखर झा से मिलने छात्रों की एक प्रतिनिधि मंडल कुलपति कार्यालय के मुख्य द्वार पर पहुंचा तो कैंपस के अंदर मौजूद कुछ विश्वविद्यालय पदाधिकारी ने साफ तरीके से कुलपति से मिलने से मना कर दिया. इसके बाद आक्रोशित होकर छात्र संगठन के साथ साथ शोधार्थी छात्र ने भी जमकर नारेबाजी एवं विरोध प्रदर्शन करना शुरू कर दिया. कुलपति कार्यालय के मुख्य द्वार पर धरने के शक्ल में बैठ गया. इसके बाद विश्वविद्यालय पदाधिकारी एवं छात्र नेताओं में जमकर नोक झोंक हुई. इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा पुलिस प्रशासन को हस्तक्षेप के लिए बुलाया गया. इसके बाद कमांडो दस्ता के द्वारा छात्र नेताओं से विश्वविद्यालय के कुलपति को मिलवाने के लिए पहल किया गया. इसके बाद छात्र संगठनों के पांच सदस्य प्रतिनिधि मंडल के साथ कुलपति से वार्ता किया.
शोधार्थी छात्र और छात्र नेताओं एवं कुलपतियों के बीच 30 मिनट तक गंभीर वार्ता हुई. कुलपति डॉ प्रो. बिमलेंदु शेखर झा ने कहा कि कुछ विषय में सीट से ज्यादा नामांकन तत्कालीन पदाधिकारी के द्वारा नामांकन ले लिया गया. जिसको लेकर राजभवन से सलाह मशवरा लेकर अति शीघ्र परीक्षा की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी. छात्र नेताओं ने कहा कि कोई भी विश्वविद्यालय छात्र हितों में छात्रों के लिए स्थापित की जाती हैं एवं छात्र समस्याओं को दूर करने के लिए कुलपति एवं अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाती है, जो कि समय-समय पर छात्रों से रूबरू होकर छात्रों की समस्या को मूल रूप से सुनती है एवं बीएनएमयू की परंपरा भी वही रही है कि कुलपति देर शाम तक बैठकर खुद एक-एक छात्रों से मिलकर उनकी समस्या को सुनते रहे हैं और उचित कार्रवाई करते रहे हैं किंतु नवनियुक्त कुलपति के आने के बाद विश्वविद्यालय के कुछ पदाधिकारी के द्वारा विश्वविद्यालय में भय के माहौल बनाकर कुलपति को छात्र एवं छात्र नेताओं के बारे में गलत चित्रण कर छात्रों से मिलने को लेकर एक नियम परिणाम निकाल दी गई. जिससे आम छात्र कुलपति से मिलने में असमर्थ रहता है. जिससे कि आम छात्रों की समस्या दिन-ब-दिन विकराल होते जा रही है जो कि गलत एवं हिटलर शाही नीति है.
वहीं छात्र नेताओं ने संगीन आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के प्रोक्टर एवं रजिस्ट्रार के द्वारा छात्र एवं छात्र नेताओं के साथ दुर्व्यवहार किया गया जो बेहद ही दु:खद और अलोकतांत्रिक है. छात्र नेता ने कुलपति से आग्रह किया कि ऐसे पदाधिकारी को अविलंब हटाया जाए जो कुलपति के के बारे में एक गलत मैसेज जा रहा है.
इस मौके पर एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक एवं पॉलिटिकल साइंस के शोधार्थी मनीष कुमार, इंडियन रिसर्च स्कॉलर एसोसिएशन के प्रदेश संयोजक एवं फिजिक्स के शोधार्थी छात्र राहुल पासवान, एआईएसएफ के स्टेट काउंसिल मेंबर वनस्पति विज्ञान के शोधार्थी मौसम प्रिया आयसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष और भौतिकी के शोधार्थी अरमान अली, शोधार्थी मुकेश कुमार दीपक कुमार, बिट्टू कुमार, सुप्रभा भारती, महेश मंडल, राजकिशोर कुमार, नितिज्ञ कुमार आदि मौजूद रहे.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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February 22, 2024
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