कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नोडल पदाधिकारी-सह-जिला प्रोग्राम पदाधिकारी श्रीमती रश्मि कुमारी ने कहा जिले में वन स्टॉप सेंटर-सह-महिला हेल्पलाइन महिलाओं के विरुद्ध हिंसा रोकने में अहम भूमिका निभा रही है। वन स्टॉप सेंटर के द्वारा एक छत के नीचे सभी प्रकार के हिंसा से पीड़ित महिलाओं को विभिन्न प्रकार की सहायता निःशुल्क प्रदान की जाती है। हमें महिलाओं के पीड़ा को समझना चाहिए एवं हिंसा रोकने के लिए सोचना चाहिए।
वहीं संबोधित करते हुए डॉ शांति यादव ने कहा कि समाज में लोगों के मन मे ये धरना बैठ गई है कि बेटियाँ पराया धन है और बेटा से वंश को आगे बढ़ता है । इन्होंने के कहा कि महिलाओं के साथ जितनी भी हिंसा होती हैं सबसे ज्यादा घर के चार दिवारी के अंदर होती है। जो आपसी सद्भावना से खत्म हो सकती है।
वहीं सीडीपीओ अहमद खां ने कहा कि महिला के बिना समाज का अस्तित्व की कल्पना नहीं की जा सकती है पुरुष का भी जन्म महिला से ही होता है। महिलाएं माँ, बहन, पत्नी, सास होती है। हमें इन सभी का सम्मान करना चाहिए। सीडीपीओ निशा कुमारी ने दहेज प्रथा, बाल विवाह, जनसंख्या नियंत्रण, भ्रूण हत्या एवं डायन प्रथा के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया। साथ कही की महिलाएँ जागरूक नहीं रहने के कारण हिंसा का शिकार हो रही है। महिलाओं जागरूक होकर एक्ट के सहयोग लें। कार्यक्रम में बाल विकास परियोजना पदाधिकारी श्रीमती चंद्रकला कुमारी, प्रो. राजकुमार, डॉ अजय गिरी, प्रो0 अखिलेश कुमार, डॉ मनीष कु. जायसवाल, प्रो. मोहन कुमार मंगलम,परियोजना प्रबंधक कुमारी शालिनी, जिला समन्वयक अंशु कुमारी, जिला कार्यक्रम समन्वयक मो इमरान आलम, जिला कार्यक्रम सहायक राजेश कुमार, सूरज कुमार, अनुपम तिवारी, रोशन कुमार, गौतम कुमार, स्वेता कुमारी, अनिशा कुमारी, अनन्या कुमारी, सुहानी कुमारी, कविता कुमारी के साथ-साथ सैकड़ों छात्र-छात्रा मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन राजीव कुमार एवं धन्यावाद ज्ञापन विनीत कुमार ने किया।

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