मामले में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी एमडीएम अभिषेक कुमार ने बताया कि मेरे संज्ञान में अब तक यह मामला नहीं आया था. अगर इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं तो जांच कर कम्युनिटी किचन वाले के खिलाफ समुचित कार्रवाई की जाएगी.
मुरलीगंज नगर पंचायत के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोढ़ियारी टपरा टोला में आज स्कूली बच्चों ने मध्याह्न भोजन को लेकर जमकर हंगामा किया और मध्याह्न भोजन खाने से इंकार कर दिया. हंगामा कर रहे बच्चों ने समय पर मध्याह्न भोजन नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रतिदिन 12:00 के बदले 2:00 मध्याह्न भोजन उपलब्ध कराया जाता है. एक तो हमेशा मध्याह्न भोजन लेट होता है और भोजन की गुणवत्ता काफी बिगड़ी होती है. विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने बताया कि जब तक भोजन विद्यालय में पहुंचता है तब 2:00 बज चुके होते हैं. कम्युनिटी किचन में अहले सुबह से ही खाना बनना शुरू होता है और जब तक हमारे विद्यालय खाना पहुंचता है तब तक भोजन खराब हो चुका होता है. दाल पूरी तरह खट्टी हो जाती है और सब्जी से खट्टी दुर्गंध आने लगती है. चावल पूरी तरह चिपचिपा हो जाता है और काफी ठंडा चावल खाने के लायक नहीं रहता है. पिछले कई दिनों से देर से आया भोजन बेकार होकर फेंका जाता है. इसलिए भोजन फेंकने और बर्बाद करने से बेहतर है कि हम लोगों को भोजन ही नहीं दिया जाए.
इस दौरान मौके पर मौजूद अभिभावकों ने विलंब से पहुंचे भोजन लेकर टैंपू को बैरंग वापस लौटा दिया. अभिभावकों ने बताया कि एक तो भोजन गुणवत्तापूर्ण नहीं होता है और दूसरा हमेशा लेट से भोजन पहुंचाया जाता है. लेट होने की वजह से सुबह का पका हुआ खाना दोपहर तक बासी हो जाता है. जिस वजह से दुर्गंध और खट्टी हो जाती है. बासी भोजन खाने की वजह से बच्चे बीमार पड़ जाएंगे, इसलिए अगर मध्याह्न भोजन देना है तो समय पर दे अन्यथा हम लोग अपने बच्चों को बासी भोजन नहीं करने देंगे.
वहीं इस मामले में विद्यालय प्रधानाचार्य रतेंद्र कुमार ने बताया कि कुछ दिनों से भोजन लेट हो रहा था. हालांकि इस मामले को लेकर हमने शिकायत भी की लेकिन उसमें कोई सुधार नहीं हुआ. लिहाजा आज छात्रों ने भोजन करने से इंकार कर दिया. इस बात को लेकर अभिभावकों में भी काफी आक्रोश है. किसी तरह अभिभावकों को समझा बुझा कर शांत कराया गया.
गौरतलब हो कि नियमानुसार शहरी क्षेत्र में कम्युनिटी किचन द्वारा विद्यालयों में भोजन वितरण की जो व्यवस्था की गई है उस व्यवस्था के तहत कम्युनिटी किचन 5 किलोमीटर के दायरे में सभी विद्यालयों में भोजन देना सुनिश्चित करेंगे.
चंद्रमणि कन्या मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका निशा रानी ने बताया कि जब हमने कम्युनिटी किचन वाले को दो बार फोन किया तो बार-बार टायर पंचर होने का बहाना बनाकर खाने को 3:00 भेजा, जिसे बच्चों ने नहीं खाया तो हमने खाना लौटा दिया.
वर्तमान समय में मधेपुरा जिला हेडक्वार्टर से एनजीओ द्वारा 23 किलोमीटर की दूरी किलोमीटर की दूरी पर भोजन भेजा जाता है जो समय पर नहीं पहुंच पाता है. मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के सभी विद्यालय सहित मधेपुरा से आते समय रास्ते में पड़ने वाले विद्यालयों में भोजन दिया जाता है. जिसके कारण भोजन विलंब से तो पहुंचता ही है उसकी गुणवत्ता भी काफी घटिया बताई जा रही है.
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