वहीं छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति, कुलसचिव, प्रोक्टर, परीक्षा नियंत्रक, डीएसडब्ल्यू समेत कई पदाधिकारीयों को कुलपति कार्यालय में आने के बाद कुलपति कार्यालय का घेराव कर सभी पदाधिकारियों को 4 घंटे तक बंधक बनाकर जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. मधेपुरा सदर थाना के पुलिस को हस्तक्षेप करनी पड़ी, इसके बाद कई पदाधिकारी घंटों परेशान होते नजर आए. छात्र नेता पैट-2020 में सीट बढ़ाने एवं धांधली में हुई जांच को लेकर अड़े रहे.
कुलपति और कुलसचिव, डीएसडब्लू से लंबी वार्ता के बाद लिखित आश्वासन में सीट बढ़ाने की दिशा में पहल हेतु सभी विभागाध्यक्ष की बैठक दस दिनों के अंदर आयोजित कर सीट बढ़ाने की प्रक्रिया को पूरी करने तक पूर्व निर्धारित नामांकन तिथि 11 अप्रैल 2022 से 23 अप्रैल 2022 को अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दिया गया. वहीं रिजल्ट में शिकायत को लेकर छात्रों से आवेदन प्राप्त होने के बाद जांच कमेटी की गठन की बात कही गई, जिस बिंदु पर संयुक्त छात्र संगठनों ने सहमति जताई एवं आंदोलन खत्म किया.
एनएसयूआई के राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि पैट- 2020 नोटिफिकेशन के समय विश्वविद्यालय के द्वारा कही गई थी कि शिक्षकों की सेवा संपुष्टि के बाद तय सीटों को बढ़ाया जा सकता है. सीट बढ़ाने की दिशा में विश्वविद्यालय प्रशासन पूर्व की बैठक में सभी विभागाध्यक्ष एक राय से सीट बढ़ाने की बात कही थी किंतु कुछ पदाधिकारियों की हठधर्मिता के कारण सीटों की संख्या बढ़ाने से रोक दी गई, जो कि बेहद दुखद और निंदनीय है. वहीं नामांकन में व्यापक स्तर पर अनियमितता बरती गई है. जिसका पुख्ता प्रमाण यह है कि सभी डिपार्टमेंट की रिजल्ट में एकरूपता की कमी है एवं पारदर्शिता की कमी है. जिसमें मेधावी छात्रों की मेधा को हत्या कर पैरवी पुत्रों को जगह दी गई जो कि बेहद दुखद है. विश्वविद्यालय प्रशासन अविलंब नामांकन पर रोक लगाकर सीट बढ़ाने की दिशा में प्रयास करें और नामांकन की जांच हो.
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के बीएनएमयू प्रभारी सारंग तनय ने कहा कि किसी भी डिपार्टमेंट में हुई इंटरव्यू की वीडियोग्राफी/वीडियो रिकॉर्डिंग नहीं करवाना विभागाध्यक्ष के द्वारा धांधली का सबसे बड़ा पुख्ता प्रमाण है, एवं जारी किये गए रिजल्ट में बाहर से आए एक्सटर्नल का सिग्नेचर नहीं होना इस बात को दर्शाता है कि बाहर से सिर्फ दिखावे के लिए एक्सपर्ट्स को मंगाया गया था, और पैसा और पैरवी, पहुँच पर सारा खेला हुआ जो दुखद व निंदनीय है. उन्होंने कहा कि सीटों की संख्या नहीं बढ़ाकर छात्रों के साथ विश्वविद्यालय प्रशासन घोर अन्याय कर रही है जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा.
छात्र जदयू विश्वविद्यालय अध्यक्ष आनन्द कुमार भूषण ने कहा कि छात्र हितों के मुद्दों पर विश्वविद्यालय प्रशासन के द्वारा अविलंब पहल करने पर बहुत-बहुत आभार एवं साधुवाद. पैट-2020 में सीट बढ़ोतरी के लिए सभी विभागों के विभागाध्यक्ष को अधिसूचना भेजी जाने की बात विश्वविद्यालय प्रशासन ने कही है, बीपीएससी के द्वारा भेजे गए जितने लोगों का सेवा संपुष्टि हुआ है. उनका 50% सीट पैट-2020 जोड़ा जाए एवं जितने भी प्रोफेसर के अंदर में सीट रिक्त हुई है उन्हें भी जोड़ा जाय. कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक ने आश्वासन दिया कि सीट बढ़ाने की दिशा में सकारात्मक पहल विश्वविद्यालय प्रशासन करेगी. तत्काल 11 अप्रैल से जो नामांकन होने वाली थी उसे स्थगित की जा रही है.
आइसा के बीएनएमयू अध्यक्ष अरमान अली ने कहा कि पैट- 2020 नामांकन में 100% आरक्षण रोस्टर की जमकर धज्जियां उड़ाई गई है, जिसका-जिसका पैरवी हुआ है, उसका ही रिजल्ट जारी किया गया है, जो कि दुखद है. वहीं एनएसयूआई छात्र नेता हिमांशु राज ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन एकेडमिक में 50% वाले को इंटरव्यू में 20 में 19 नंबर देकर पास कर दिया, जबकि एकेडमिक में 70% वाले को इंटरव्यू में 2 नंबर देकर बाहर कर दिया गया जो कि काफी दुखद है. इसकी जांच अविलंब होनी चाहिए.
आंदोलन में मुख्य रूप से छात्र जदयू के निखिल कुमार, लव यादव, राजा यादव, संत कुमार, एनएसयूआई के अंकित झा, प्रवीण कुमार, सुमन कुमार,अजय कुमार, सुनील कुमार देवराज, अभिषेक कुमार, नवीन कुमार, सुधीर कुमार, ललन कुमार, मुकेश कुमार, गौरव कुमार, आइसा के पावेल कुमार, छोटू कुमार, राजेश कुमार, अजय कुमार, विकास कुमार आदि शामिल थे.
(वि.)
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