बाढ़ सहायता राशि में बड़ी अनियमितता, बिचौलियों की सहायता से बड़ी जालसाजी के आरोप

मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड अंतर्गत बाढ़ राहत में अनियमितता को लेकर प्रखंड क्षेत्र के चिरौरी पंचायत के वार्ड नंबर 7 वार्ड नंबर 4 वार्ड नंबर 5 वार्ड नंबर 9 भवनपुरा समेत विभिन्न बाढ़ पीड़ितों ने सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर पासवान के नेतृत्व में बाढ़ राहत में अनुश्रवण एवं मुखिया के द्वारा किये गए एक बड़े फर्जीवाड़े का आरोप लगाया. 

मामले में जानकारी देते हुए प्रभाकर पासवान ने बताया कि कोसी नदी में जुलाई एवं अगस्त भयानक जल स्तर वृद्धि के बाद चिरौरी प्रखंड के महादलित एवं दलित बस्तियों के साथ-साथ पंचायत के कई वार्डों में विभिन्न वार्डों के लोग घर खेत खलियान सभी चीज जलमग्न में हुई, जलस्तर भारी वृद्धि के बाद खेत खलिहान हजारों एकड़ में लगी धान एवं अन्य फसल भारी नुकसान पहुंचा था. जिला प्रशासन के निर्देश के आलोक में प्रखंड क्षेत्र के चिरौरी पंचायत पूर्णरूपेण बाढ़ ग्रस्त घोषित कर दिया गया था.
मौके पर मौजूद संगीता देवी, एवं बुजुर्ग महिला बीना देवी ने बताया कि अभी तक उन्हें वार्ड सदस्य द्वारा अनुश्रवण में नाम भेजे जाने के उपरांत भी उन्हें सहायता राशि नहीं मिली है. वहीं वार्ड नंबर 4 के ही हरि किशोर पोद्दार ने बताया कि उनके परिवार में विवाहित के नाम तो अनुश्रवण में भेजे गए थे पर किसी को सहायता राशि नहीं दी गई.

वार्ड नंबर 4 की रुक्मिणी देवी, मंचन देवी, तारा देवी, रानी देवी ने आरोप लगाते हुए कहा कि हमें ना तो राशन उपलब्ध करवाया गया और ना ही सहायता राशि दी गई. मौके पर मौजूद करीब सौ ग्रामीणों ने एक स्वर से आवाज बुलंद की कि इस बार वे विधानसभा चुनाव में मतदान का बहिष्कार करेंगे. किसी भी नेता को गांव में नहीं आने देंगे क्योंकि जब तक हमें सहायता राशि नहीं दी जाएगी हम लोग मतदान का बहिष्कार करेंगे.

मुखिया पति के अनुश्रवण द्वारा भेजी गई सूची को अंचल कार्यालय न भेजकर फर्जी सूची भेज बाढ़ राहत सूची बनाई गई थी. बाढ़ राहत सूची में वार्ड सदस्यों द्वारा वास्तविक बाढ़ पीड़ितों का नाम दिया गया था लेकिन मुखिया पर ग्रामीणों ने अपने चहेते लोगों के परिवार के नाबालिग बच्चों का नाम भी सूची में जोड़ दिया गया. यहां तक कि वार्ड नंबर 9 भवनपुरा में बिचोलिया एवं मुखिया के संबंधियों द्वारा कुछ स्कूली बच्चों के खाते में पैसे भेज कर पुनः उन पैसों का उठाव बिचौलियों द्वारा कर लिया गया. किसी लाभुक को दिए ₹6000 दिए गए तो किसी को ₹1000 छोड़कर ₹5000 का उठाव कर लिया गया.

ग्रामीण भवानंद भगत ने जानकारी देते हुए बताया कि चिरौरी पंचायत के वार्ड नंबर 9 भवनपुरा बासा छोटे-छोटे बच्चों के नाम पर मुखिया के बिचौलियों एवं कंप्यूटर ऑपरेटर की सहायता से दर्ज कर ₹6000 उनके खाते में भेजे गए. लोगों के खाते से ₹1000 उनके खाते में छोड़कर ₹5000 की निकासी करवा कर बिचौलिया ले गए. ऐसे दर्जनों मामले हैं जिसकी जांच के बाद मुखिया पति एवं उनके बिचौलियों द्वारा की गई अनियमितता के खुलासे हो पाएंगे.


मैट्रिक पास छात्र धर्मेंद्र कुमार पिता राजेश मिस्त्री ने बताया कि रणबीर कुमार ने उसे कहा कि तुम अपना खाता नंबर दो एक दोस्त तुम्हारे खाते में ₹6000 भेजेगा जिसमें से ₹5000 हमें दे देना और ₹1000 हम तुम्हारे खाते में छोड़ देंगे. चंद दिनों बाद रूपेश कुमार ने आकर पैसे देने की बात बताई और ₹1000 हमारे खाते में छोड़ गया. वहीं दूसरा मामला रूबी कुमारी जो मैट्रिक की छात्रा है उसने भी बताया कि रूपेश कुमार ने ₹1000 देने की बात कह कर बैंक खाते लिए और ₹6000 आने के बाद 6000 वापस ले लिए.

वहीं रूबी कुमारी की मां सुनीता देवी के खाते नंबर भी लिए गए और उसमें भी बाढ़ सहायता का राशि ₹6000 भेजे गए. रुपेश जो अपने आप को मुखिया का भतीजा कहता है मां के नाम पर आए पैसे में से ₹5000 निकाल ले गए. नीरज कुमार ने भी बताया कि उसके खाते में भी रूपेश कुमार ने ₹1000 देने की बात कह कर खाता नंबर लिया और ₹6000 आने पर ₹5000 वापस ले लिए.


ग्रामीण अनिल जायसवाल ने बताया कि इस तरह के दर्जनों मामले हैं. साथ ही साथ ऐसे मामले भी हैं जिसमें एक ही परिवार के कई अविवाहित सदस्यों के नाम से भी पैसे भेजे गए हैं. ऐसे कम से कम 25 मामले भवनपुरा वार्ड नंबर 9 चिरोड़ी पंचायत में जांच के बाद सामने निकल कर आएंगे. वहीं सामाजिक कार्यकर्ता प्रभाकर पासवान ने बताया कि इस तरह के कई अनियमितताएं सामने आई है लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा रिकवरी की बात कर लेने से जानबूझकर किए गए अपराध की सजा पाने के बजाय ऐसे अवसर पर इंसान बच निकलते हैं. 

इसलिए हम बहुत जल्द उच्चतम न्यायालय में तमाम सबूतों को लेकर रिट याचिका दाखिल करेंगे जिससे भ्रष्टाचार में संलिप्त सभी को सजा मिल सके. जबकि पंचायत में लगभग सभी व्यक्ति के पास जनधन खाते खुले हुए हैं और जनधन खाते में लॉकडाउन के दौरान पैसे भी आए हैं जिनका उठाव भी किया गया है.

निवर्तमान अंचलाधिकारी आशुतोष कुमार ने बताया कि उस पंचायत में गरीबों के पास बैंक खाते नहीं थे. बच्चों के पोशाक एवं अन्य खातों में पैसे दिए गए हैं कोई अनियमितता नहीं हुई है. हरेक पंचायत में 20 लोग ऐसे होते हैं जो ऐसे मामलों को तूल देते हैं.

वहीं प्रभारी अंचलाधिकारी राम अवतार यादव ने बताया कि अनुश्रवण समिति द्वारा अनुमोदित सूची के आधार पर बाढ़ सहायता भेजी गई होगी. मामला मेरे संज्ञान में आया है अगर इस तरह का मामला होगा तो अनुश्रवण समिति के अध्यक्ष एवं संलिप्त पर कार्रवाई की जाएगी.

अनुमंडल पदाधिकारी उदाकिशुनगंज राजीव रंजन कुमार सिन्हा ने बताया कि मामले में वीडियो भी वायरल हो रहा है. मामले की सत्यता की जांच के लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी चौसा एवं सांख्यिकी पदाधिकारी को संयुक्त रुप से जांच के लिए प्रतिनियुक्त किया गया है. जांच प्रतिवेदन के आलोक में कार्रवाई की जाएगी.
(रिपोर्ट:  संजय कुमार के साथ आरिफ आलम)
बाढ़ सहायता राशि में बड़ी अनियमितता, बिचौलियों की सहायता से बड़ी जालसाजी के आरोप बाढ़ सहायता राशि में बड़ी अनियमितता, बिचौलियों की सहायता से बड़ी जालसाजी के आरोप Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 16, 2020 Rating: 5

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