निबंधन पदाधिकारी के मनमाना रवैये से जिले के लोगों का जमीन खरीदना जी का जंजाल बन गया है. जमीन का स्थल निरीक्षण के नाम पर किया जा रहा मनमानी, खेती की जमीन को सड़क दिखा कर निबंधन शुल्क वसूल करने कहा जा रहा है, जिससे परेशान हो रहे हैं खरीददार.
मामला है मधेपुरा नगर परिषद् क्षेत्र से सटे वार्ड नंबर 21 के खेतिहर जमीन का. परेशान जमीन खरीददार ने जिला निबंधक सह जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर प्रतिलिपि माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, माननीय महानिबंधक उच्च न्यायालय, सहायक निबंधन महानिरीक्षक, आयुक्त कोशी, को पत्र लिखकर निबंधन पदाधिकारी के मनमाने रवैये की जांच करने की मांग की है.
शहर के वार्ड नंबर 17 निवासी और सिविल कोर्ट के सहायक राजेश कुमार सिन्हा ने प्रेषित पत्र में कहा कि शहर के पश्चिम वार्ड नंबर 21 अन्तर्गत नदी के किनारे खेतिहर जमीन को खरीदने के लिए भूमि स्वामी भूषण प्रसाद यादव से 7 डिसमिल जमीन 3 लाख 25 हजार में लिया. 7 दिसंबर 2019 को जमीन निबंधन हेतु स्थल निरीक्षण के लिए निबंधन कार्यालय में आवेदन दिया. आवेदन के आलोक में निबंधन कार्यालय द्वारा स्थल जांच कर भू स्वामी का फोटो खिंचा कर जांच के पश्चात निबंधन पदाधिकारी ने आवेदक को बताया कि उक्त जमीन सड़क पर पाया गया है, जिसका मूल्यांकन 4 लाख रूपया प्रति डिसमल है.
श्री सिन्हा ने निबंधन पदाधिकारी से कहा कि उक्त भूमि और उसके आसपास दूर-दूर तक कोई कच्ची, पक्की ,सोलिंग सड़क नहीं है और दूर-दूर तक खेती की जमीन है. विभाग के किस पदाधिकारी द्वारा जमीन का स्थल निरीक्षण किया गया इस बावत सूचना का अधिकार के तहत मांग की गई लेकिन निबंधन पदाधिकारी ने हाल में हुए रजिस्ट्री और जमीन का कैटेगरी बताया.
वहीं पीड़ित को निबंधन पदाधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना देते हुए बताया कि विभाग द्वारा स्थल जांच रिपोर्ट 2 मार्च 2020 को दिया गया जिसमें स्थल जांच रिपोर्ट में क्षेत्र के जमीन का निबंधन की जानकारी दी, जिसमें निबंधन कार्यालय द्वारा वर्ष 16 और 17 में हुए जमीन निबंधन उक्त जमीन की श्रेणी विकासशील जबकि वर्ष 2018 में उक्त जमीन को कच्ची सड़क सोलिंग रास्ता दिखाया, जो बिल्कुल गलत है.
पीड़ित ने निबंधन विभाग द्वारा दिये गये जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर नगर परिषद से उक्त जमीन का वर्तमान में स्थिति की जानकारी की मांग की. मजेदार बात है कि नगर परिषद द्वारा सूचना के आधार के तहत दी गयी जानकारी काफी चौंकाने वाली थी कि नगर परिषद ने 6 मार्च 2020 को स्थल जांच रिपोर्ट में कहा था कि नगर परिषद अन्तर्गत भीरखी उत्तरबाड़ी मौजा वार्ड नंबर 21 भूषण प्रसाद यादव की जमीन के 2 सौ मीटर के दायरे में कोई मकान आवास एवं सार्वजनिक कच्चा, पक्का, ईंट सोलिंग सड़क व रास्ता नहीं है.
वहीं जिला अवर निबंधन पदाधिकारी उमलेश सिंह ने बताया कि 5 डीसमिल जमीन को आवासीय कैटेगरी मे निबंधन किया जाता है. पूर्व में इस जमीन की जांच के उपरान्त रास्ता होने पर उन्ही के आधार पर राजस्व वसूल कर रजिस्ट्री हुई है. जमीन का दाम बढ़ता घटता नहीं है लेकिन उक्त जमीन में रास्ता होने के सवाल को टाल गये.
मामला है मधेपुरा नगर परिषद् क्षेत्र से सटे वार्ड नंबर 21 के खेतिहर जमीन का. परेशान जमीन खरीददार ने जिला निबंधक सह जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर प्रतिलिपि माननीय उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश, माननीय महानिबंधक उच्च न्यायालय, सहायक निबंधन महानिरीक्षक, आयुक्त कोशी, को पत्र लिखकर निबंधन पदाधिकारी के मनमाने रवैये की जांच करने की मांग की है.
शहर के वार्ड नंबर 17 निवासी और सिविल कोर्ट के सहायक राजेश कुमार सिन्हा ने प्रेषित पत्र में कहा कि शहर के पश्चिम वार्ड नंबर 21 अन्तर्गत नदी के किनारे खेतिहर जमीन को खरीदने के लिए भूमि स्वामी भूषण प्रसाद यादव से 7 डिसमिल जमीन 3 लाख 25 हजार में लिया. 7 दिसंबर 2019 को जमीन निबंधन हेतु स्थल निरीक्षण के लिए निबंधन कार्यालय में आवेदन दिया. आवेदन के आलोक में निबंधन कार्यालय द्वारा स्थल जांच कर भू स्वामी का फोटो खिंचा कर जांच के पश्चात निबंधन पदाधिकारी ने आवेदक को बताया कि उक्त जमीन सड़क पर पाया गया है, जिसका मूल्यांकन 4 लाख रूपया प्रति डिसमल है.
श्री सिन्हा ने निबंधन पदाधिकारी से कहा कि उक्त भूमि और उसके आसपास दूर-दूर तक कोई कच्ची, पक्की ,सोलिंग सड़क नहीं है और दूर-दूर तक खेती की जमीन है. विभाग के किस पदाधिकारी द्वारा जमीन का स्थल निरीक्षण किया गया इस बावत सूचना का अधिकार के तहत मांग की गई लेकिन निबंधन पदाधिकारी ने हाल में हुए रजिस्ट्री और जमीन का कैटेगरी बताया.
वहीं पीड़ित को निबंधन पदाधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत सूचना देते हुए बताया कि विभाग द्वारा स्थल जांच रिपोर्ट 2 मार्च 2020 को दिया गया जिसमें स्थल जांच रिपोर्ट में क्षेत्र के जमीन का निबंधन की जानकारी दी, जिसमें निबंधन कार्यालय द्वारा वर्ष 16 और 17 में हुए जमीन निबंधन उक्त जमीन की श्रेणी विकासशील जबकि वर्ष 2018 में उक्त जमीन को कच्ची सड़क सोलिंग रास्ता दिखाया, जो बिल्कुल गलत है.
पीड़ित ने निबंधन विभाग द्वारा दिये गये जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर नगर परिषद से उक्त जमीन का वर्तमान में स्थिति की जानकारी की मांग की. मजेदार बात है कि नगर परिषद द्वारा सूचना के आधार के तहत दी गयी जानकारी काफी चौंकाने वाली थी कि नगर परिषद ने 6 मार्च 2020 को स्थल जांच रिपोर्ट में कहा था कि नगर परिषद अन्तर्गत भीरखी उत्तरबाड़ी मौजा वार्ड नंबर 21 भूषण प्रसाद यादव की जमीन के 2 सौ मीटर के दायरे में कोई मकान आवास एवं सार्वजनिक कच्चा, पक्का, ईंट सोलिंग सड़क व रास्ता नहीं है.
वहीं जिला अवर निबंधन पदाधिकारी उमलेश सिंह ने बताया कि 5 डीसमिल जमीन को आवासीय कैटेगरी मे निबंधन किया जाता है. पूर्व में इस जमीन की जांच के उपरान्त रास्ता होने पर उन्ही के आधार पर राजस्व वसूल कर रजिस्ट्री हुई है. जमीन का दाम बढ़ता घटता नहीं है लेकिन उक्त जमीन में रास्ता होने के सवाल को टाल गये.
निबंधन पदाधिकारी द्वारा स्थल निरीक्षण के नाम पर मनमानी करने से परेशान हैं खरीददार
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
May 06, 2020
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