मधेपुरा जिले के घैलाढ़ प्रखंड मुख्यालय के कृषि सभा भवन में बाल विवाह व दहेज उन्मूलन को लेकर गठित टास्क फोर्स की बैठक हुई जिसकी अध्यक्षता प्रखंड विकास पदाधिकारी राघवेंद्र शर्मा ने की.
इस दौरान एक्शन एड के नूतन मिश्रा व मिथिलेश जी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा एक सामाजिक अभिशाप है. इस कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया. निर्णय लिया गया कि बाल विवाह की पहचान और नियंत्रण के लिए पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन स्थानीय मुखिया की अध्यक्षता में किया जाएगा जिसमें विकास मित्र पंचायत सचिव एक बुद्धिजीवी एवं संबंधित थाने के एक सब इंस्पेक्टर होंगे।
वहीं उन्होंने कहा की बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत लड़कियों की 18 साल और लड़के की 21 साल से कम उम्र में विवाह कानूनी जुर्म है।तथा इसमें सजा का प्रावधान है. ₹ 1लाख जुर्माना तथा 2 वर्ष कारावास की सजा तक हो सकती है। मौके पर प्रखंड के सभी विकास मित्र उपस्थित थे।
इस दौरान एक्शन एड के नूतन मिश्रा व मिथिलेश जी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह और दहेज प्रथा एक सामाजिक अभिशाप है. इस कुप्रथा को जड़ से मिटाने के लिए समाज के सभी वर्गों का सहयोग अपेक्षित है. उन्होंने बाल विवाह एवं दहेज उन्मूलन को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किया. निर्णय लिया गया कि बाल विवाह की पहचान और नियंत्रण के लिए पंचायत स्तरीय टास्क फोर्स का गठन स्थानीय मुखिया की अध्यक्षता में किया जाएगा जिसमें विकास मित्र पंचायत सचिव एक बुद्धिजीवी एवं संबंधित थाने के एक सब इंस्पेक्टर होंगे।
वहीं उन्होंने कहा की बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत लड़कियों की 18 साल और लड़के की 21 साल से कम उम्र में विवाह कानूनी जुर्म है।तथा इसमें सजा का प्रावधान है. ₹ 1लाख जुर्माना तथा 2 वर्ष कारावास की सजा तक हो सकती है। मौके पर प्रखंड के सभी विकास मित्र उपस्थित थे।
'18 साल और 21 साल से कम उम्र में विवाह कानूनी जुर्म है और इसमें सजा हो सकती है': कार्यशाला का आयोजन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 12, 2020
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