33 हजार फीट की उंचाई पर विमान में यात्री को हार्ट अटैक के बाद पटना में इमरजेंसी लैंडिंग, जान बचाने में डॉ. अंशु अंकित की बड़ी भूमिका, मधेपुरा से जुड़े हैं डॉ. अंशु
ये बेहद सुकून देने वाली खबर है जहाँ मधेपुरा से जुड़े एक डॉक्टर की चर्चा देश भर में हो रही है. ताजा मामला विमान में एक यात्री के हार्ट अटैक के बाद पटना के जय प्रकाश नारायण एयरपोर्ट पर पहली बार एक विमान के इमरजेंसी लैंडिंग के बाद उसकी जान बचा लेने का है.
घटना शुक्रवार के दोपहर की है. बागडोगरा से मुंबई जा रही इंडिगो की फ्लाईट संख्यां 6E 3175 में उडीसा के रहने वाले एक नेवी के जवान अमरजीत त्रिपाठी (28 वर्ष) के सीने में तेज दर्द उठता है और वह चिल्लाने लगता है. विमान में मौजूद एक डॉक्टर ने जैसे ही उसके हार्ट अटैक की बात बताई, विमान में दहशत का वातावरण बन जाता है. पर फ्लाईट के अधिकारी संयम से काम लेते हैं और उन्हें ये जानकारी होती है कि विमान उस समय बिहार से गुजर रहा होता है. फ्लाईट के अधिकारियों ने पटना एयरपोर्ट ऑथरिटी से इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत देने का अनुरोध किया और इजाजत मिलते ही इंडिगो की विमान पटना एयरपोर्ट पर उतर जाती है. पटना एयरपोर्ट पर डॉक्टर की टीम तैयार रहती है और लैंडिंग के साथ ही वे विमान के अन्दर प्रवेश कर जाते है. डॉक्टर की टीम का नेतृत्व लाइफ सेविंग अवार्ड से समानित डॉ. अंशु अंकित कर रहे होते हैं. डॉ. अंशु मरीज को फ़ौरन एस्पिरिन और नाइट्रेट देते हैं और तत्काल उन्हें मौत के मुंह से वापस खींच लाते हैं. फिर नेवी के जवान अमरजीत को फ़ौरन एम्बुलेंस से पारस हॉस्पिटल लाया जाता है और शाम तक वे खतरे से बाहर होते हैं. जांच से पता चलता है कि रोगी को 100% क्लाउट ब्लॉकेज था और तुरंत एंजियोप्लास्टी से उनकी जान बचाई गई. अमरजीत के साथ विमान में उनका कोई परिचित नहीं था. पारस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. तलत हलीम ने जानकारी दी कि मरीज के परिवार को सूचना दी गई है और वे रविवार की सुबह पटना पहुँच रहे हैं.
कौन हैं दर्जनों जान बचाने वाले डॉ. अंशु अंकित?
दरअसल ये घटना पूरे बिहार में डगमगा चुकी चिकित्सा व्यवस्था के बीच एक बार फिर से ये उम्मीद जगाती है कि अब भी गिने-चुने डॉक्टर को भगवान् का रूप कहा जा सकता है. हम अपने पाठकों को एक बार फिर गर्व करने का अवसर देते चलें कि अब तक पटना एयरपोर्ट पर कई दर्जन यात्रियों की जान बचाने वाले अंशु अंकित मधेपुरा जिले के बिहारीगंज प्रखंड के रामगंज के हैं. दादा रामेश्वर भगत और डोमन भगत परिवार के डॉ. अंशु के पिता डॉ. दिनेश प्रसाद भगत जिला पशुपालन पदाधिकारी के पद से अवकाश प्राप्त हैं. डॉ. अंशु अंकित की मेडिकल की पढ़ाई MGM मेडिकल कॉलेज किशनगंज से हुई और ये 2010 बैच के छात्र रहे हैं. हालांकि उनका परिवार अब बाहर रहता है, पर मधेपुरा को याद करते वे बेहद भावुक हो जाते हैं.
कई बार सम्मानित हो चुके हैं डॉ. अंशु अंकित
डॉ. अंशु अंकित को हाल में ही एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा लाइफ सेविंग अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान कई वर्षों से एयरपोर्ट पर कई दर्जन जिन्दगी और मौत से जूझ रहे लोगों की जान बचाने के लिए दिया गया है. इससे पहले भी इन्हें सीआईएसएफ समेत कई अन्य संगठनों से चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जा चुका है.
मधेपुरा टाइम्स से विस्तार से बातचीत में बेहद सुलझे और व्यवहारकुशल डॉ. अंशु अंकित कहते हैं कि उन्हें इस बात का सुकून है कि वे लोगों की जिन्दगी बचाने के काम आ रहे हैं. वे ऐसे लोगों के लिए उम्मीद बन पा रहे हैं जो विषम परिस्थिति में उम्मीद खोते नजर आते हैं.
एक उम्दा चिकित्सक की भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाले डॉ. अंशु अंकित को मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से शुभकामनाएं.
(रिपोर्ट: आर. के. सिंह)
घटना शुक्रवार के दोपहर की है. बागडोगरा से मुंबई जा रही इंडिगो की फ्लाईट संख्यां 6E 3175 में उडीसा के रहने वाले एक नेवी के जवान अमरजीत त्रिपाठी (28 वर्ष) के सीने में तेज दर्द उठता है और वह चिल्लाने लगता है. विमान में मौजूद एक डॉक्टर ने जैसे ही उसके हार्ट अटैक की बात बताई, विमान में दहशत का वातावरण बन जाता है. पर फ्लाईट के अधिकारी संयम से काम लेते हैं और उन्हें ये जानकारी होती है कि विमान उस समय बिहार से गुजर रहा होता है. फ्लाईट के अधिकारियों ने पटना एयरपोर्ट ऑथरिटी से इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत देने का अनुरोध किया और इजाजत मिलते ही इंडिगो की विमान पटना एयरपोर्ट पर उतर जाती है. पटना एयरपोर्ट पर डॉक्टर की टीम तैयार रहती है और लैंडिंग के साथ ही वे विमान के अन्दर प्रवेश कर जाते है. डॉक्टर की टीम का नेतृत्व लाइफ सेविंग अवार्ड से समानित डॉ. अंशु अंकित कर रहे होते हैं. डॉ. अंशु मरीज को फ़ौरन एस्पिरिन और नाइट्रेट देते हैं और तत्काल उन्हें मौत के मुंह से वापस खींच लाते हैं. फिर नेवी के जवान अमरजीत को फ़ौरन एम्बुलेंस से पारस हॉस्पिटल लाया जाता है और शाम तक वे खतरे से बाहर होते हैं. जांच से पता चलता है कि रोगी को 100% क्लाउट ब्लॉकेज था और तुरंत एंजियोप्लास्टी से उनकी जान बचाई गई. अमरजीत के साथ विमान में उनका कोई परिचित नहीं था. पारस हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. तलत हलीम ने जानकारी दी कि मरीज के परिवार को सूचना दी गई है और वे रविवार की सुबह पटना पहुँच रहे हैं.
कौन हैं दर्जनों जान बचाने वाले डॉ. अंशु अंकित?

कई बार सम्मानित हो चुके हैं डॉ. अंशु अंकित
डॉ. अंशु अंकित को हाल में ही एयरपोर्ट ऑथरिटी ऑफ इंडिया के द्वारा लाइफ सेविंग अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान कई वर्षों से एयरपोर्ट पर कई दर्जन जिन्दगी और मौत से जूझ रहे लोगों की जान बचाने के लिए दिया गया है. इससे पहले भी इन्हें सीआईएसएफ समेत कई अन्य संगठनों से चिकित्सा के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित किया जा चुका है.
मधेपुरा टाइम्स से विस्तार से बातचीत में बेहद सुलझे और व्यवहारकुशल डॉ. अंशु अंकित कहते हैं कि उन्हें इस बात का सुकून है कि वे लोगों की जिन्दगी बचाने के काम आ रहे हैं. वे ऐसे लोगों के लिए उम्मीद बन पा रहे हैं जो विषम परिस्थिति में उम्मीद खोते नजर आते हैं.
एक उम्दा चिकित्सक की भूमिका का बखूबी निर्वहन करने वाले डॉ. अंशु अंकित को मधेपुरा टाइम्स परिवार की ओर से शुभकामनाएं.
(रिपोर्ट: आर. के. सिंह)
33 हजार फीट की उंचाई पर विमान में यात्री को हार्ट अटैक के बाद पटना में इमरजेंसी लैंडिंग, जान बचाने में डॉ. अंशु अंकित की बड़ी भूमिका, मधेपुरा से जुड़े हैं डॉ. अंशु
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
October 07, 2018
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