

उनकी 15 सूत्री मांगों में मुख्य मांगे थी कि आंगनबाड़ी सेविका सहायिका को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देते हुए सेविकाओं क्लास थर्ड का तथा सहायिका को क्लास फोर्थ के रूप में समायोजित किया जाए. जब तक सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलता सेविकाएं को ₹18000 सहायिका को ₹12000 मानदेय दिया जाए. 54 दिन हड़ताल उपरांत 16 मई 2017 को हुए समझौता के आलोक में लंबित मांगों की निष्पादन किया जाए. गोवा, तेलगाना एवं अन्य राज्यों की भांति बिहार सरकार द्वारा भी ₹7000 सेविका एवं सहायिका को ₹4500 का अतिरिक्त धनराशि दिया जाए. सेविका एवं सहायिका सेविका के पद पर शत प्रतिशत पदोन्नति दी जाए तथा उम्र सीमा समाप्त किया जाए. समान काम के समान वेतन प्रणाली लागू किया जाए. हड़ताल अवधि का मानदेय काटकर छुट्टी एवं कार्य समायोजन किया जाए. महंगाई के आलोक में मकान किराया भत्ता की राशि में समुचित बढ़ोतरी कर भुगतान की प्रक्रिया को सरलीकरण करते हुए नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जाए.
धरना स्थल पर संघ की जिला अध्यक्ष अर्चना कुमारी, पल्लवी कुमारी, बेबी कुमारी, मंजू कुमारी, ममता भारती, किरण कुमारी, नूतन कुमारी, कुमारी प्रेमलता, मधुमाला कुमारी, फरजाना खातून, ब्यूटी कुमारी, रेनू कुमारी आदि मौजूद थे.

मधेपुरा में अपनी मांगों को लेकर आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं का विशाल प्रदर्शन
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
September 20, 2018
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